रांची, सुनील चौधरी. देश भर में बिजली की मांग बढ़ने से बिजली उत्पादन इकाइयों पर दबाव बढ़ा है. लेकिन, उत्पादन इकाइयों को मांग के अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है. इसे देखते हुए केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने देश की तमाम बिजली उत्पादन कंपनियों को कोयले का आयात करने का निर्देश दिया है. नौ फरवरी 2023 को मंत्रालय के अवर सचिव ने केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों व उनके ऊर्जा सचिव और व निजी बिजली उत्पादन कंपनियों के सीएमडी को इस बाबत पत्र लिखा है. गौरतलब है कि झारखंड में डीवीसी, तेनुघाट, टाटा पावर, आधुनिक और इनलैंड के थर्मल पावर प्लांट चालू हैं. जल्द ही एनटीपीसी के नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट भी चालू होने जा रहा है.
मंत्रालय द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि बिजली की मांग और खपत में हालिया उछाल के कारण कोयला आधारित थर्मल पावर स्टेशन में उत्पादन का हिस्सा बढ़ गया है. सभी स्रोतों से कोयले की आपूर्ति में वृद्धि हुई है, लेकिन यह थर्मल पावर स्टेशनों की जरूरतों के अनुरूप नहीं है. मंत्रालय थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयले की उपलब्धता की बारीकी से निगरानी कर रहा है. साथ ही उत्पादन बढ़ाने का प्रयास भी किया है, लेकिन मांग और आपूर्ति के अंतर को पूरी तरह कम करने में कुछ वक्त लगेगा.
ग्रिड इंडिया (पोसोको) ने बताया है कि ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ी है. 2023-24 की पहली छमाही के दौरान इसके बढ़े हुए स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकार(सीइए) ने इसके अनुरूप ही कोयला की जरूरत का लक्ष्य तैयार किया है, जो पहली तिमाही के लिए 197.7 एमटी है. थर्मल पावर प्लांटों में दैनिक कोयले की खपत और आवक में एक से तीन लाख टन प्रतिदिन की कमी है. इस कमी को फिलहाल आयातित कोयला से पूरा किया जाता है. यह आकलन किया गया है कि प्लांटों में आयातित कोयले की मिक्सिंग के बिना कोयले का स्टॉक धीरे-धीरे शून्य हो जायेगा, जो देश में बिजली आपूर्ति की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी.
मंत्रालय ने पत्र में लिखा है कि ऊर्जा की मांग बढ़ रही है और कोयले की आपूर्ति में वृद्धि घरेलू कोयले की आवश्यकता के अनुरूप नहीं है. इसलिए घरेलू कोयले में मिक्सिंग के उद्देश्य से आयातित कोयले का उपयोग जारी रखने की जरूरत पैदा हुई है. मंत्रालय ने सितंबर 2023 तक कोयला आयात करने का निर्देश देने का निर्णय लिया है. साथ ही चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का पालन नहीं करनेवाली बिजली उत्पादन इकाइयों की घरेलू कोयले की आपूर्ति यथानुपात आधार पर प्रतिबंधित की जायेगी. केंद्रीय, राज्य के प्लांट और आइपीपी को निर्देशित किया जाता है कि वे आवश्यक कार्रवाई करें और आवश्यकता के हिसाब से छह प्रतिशत आयातित कोयले की खरीद योजना बनायें.
रांची. कोल इंडिया ने जनवरी माह तक बीते साल से करीब 72 मिलियन टन अधिक कोयले का उत्पादन किया है. कोल इंडिया की विभिन्न कंपनियों ने जनवरी माह तक 550 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. 2021-2022 में कंपनी ने जनवरी तक 478 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था. पिछले साल की तुलना में करीब 15.2 फीसदी उत्पादन बढ़ा है.
वहीं, डिस्पैच भी अच्छा है. पिछले साल की तुलना में सबसे अधिक उत्पादन बीसीसीएल ने किया है. बीसीसीएल ने इस वर्ष करीब 29 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर दिया है. सबसे अधिक करीब 156 मिलियन टन कोयले का उत्पादन एमसीएल कर चुका है. सीसीएल ने भी जनवरी तक करीब 57 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है.