Jharkhand News, Ranchi: हरमू हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाले पारसनाथ सिन्हा ने वर्ष 2009-10 में वाटर कनेक्शन लिया था. लेकिन उनके घर में कभी पानी नहीं आया. वर्ष 2018 में उन्हें पता चला कि वाटर कनेक्शन लेने के एवज में उन पर पानी के बिल का 30 हजार रुपये बकाया है. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में की. साथ ही तत्कालीन पीएचइडी मंत्री रामचंद्र सहिस के जनता दरबार में भी मामले को रखा. मुख्यमंत्री जनसंवाद व मंत्री के यहां बात रखने के बाद दोनों ही जगह से निगम को पत्र भेजा गया.
निगम से कहा गया कि पारसनाथ सिन्हा के मामले की जांच कर उचित कदम उठाया जाये. लेकिन निगम अपनी मांग पर अड़ा रहा, उसने बिल माफ नहीं किया. इस पर पारसनाथ सिन्हा ने निगम में बिल का भुगतान कर दिया. लेकिन श्री सिन्हा ने हार नहीं मानी. उन्होंने वर्ष 2020 में इसकी शिकायत स्थायी लोक अदालत में की. यहां बताया कि उन्होंने वाटर कनेक्शन तो लिया था, लेकिन उनके घर पर कभी एक बूंद पानी नहीं आया. इसके बाद भी निगम ने 30 हजार रुपये पानी का बिल भरने के लिए मजबूर किया है.
लोक अदालत ने पैसा वापस करने का दिया आदेश
मामले की सुनवाई करते हुए अगस्त 2021 में लोक अदालत ने आदेश दिया कि प्रार्थी के घर पर कभी पानी पहुंचा ही नहीं है. ऐसे में निगम इनके द्वारा जमा किये गये पानी के बिल को वापस करे. आदेश देने के छह माह गुजरने के बाद भी निगम ने श्री सिन्हा को उनका पैसा नहीं लौटाया तो उन्होंने इसकी शिकायत फिर से लोक अदालत में की.
खास बातें
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घर में पानी पहुंचा ही नहीं, निगम ने भेज दिया 30 हजार रुपये का बिल
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पीड़ित ने हर जगह अपनी शिकायत की, लेकिन निगम अड़ा रहा
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अंतत: लोक अदालत ने पीड़ित के पक्ष में दिया फैसला, पैसा लौटाने का आदेश
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अदालत के आदेश पर भी निगम ने नहीं लौटाये पैसे, फिर अदालत पहुंचे पारसनाथ
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पैसे नहीं लौटाने पर 23 फरवरी 2022 को लोक अदालत ने निगम के खाते को फ्रीज करने का दिया आदेश
इसके बाद 23 फरवरी 2022 को लोक अदालत ने आदेश दिया कि चूंकि रांची नगर निगम ने आदेश का पालन नहीं किया है. इसलिए नगर निगम के आइसीआइसीआइ बैंक हिनू ब्रांच व केनरा बैंक एसएन गांगुली रोड के खाते को फ्रीज किया जाये. अदालत के आदेश की कॉपी जब बैंक में पहुंची, तो तत्काल निगम के दोनों बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया. इसके बाद निगम अधिकारियों की भागदौड़ शुरू हो गयी. प्रतिदिन निगम से कोई न कोई अधिकारी पारसनाथ के घर पहुंचने लगा.
उनसे कहा जाता कि उनके द्वारा जमा किये गये बिल को निगम वापस करने के लिए तैयार है. इस पर पारसनाथ ने कहा कि निगम वसूले गये पैसे को अदालत में ही जमा करे. इसके बाद निगम ने पारसनाथ द्वारा जमा किये गये चेक को वापस अदालत में सौंप दिया. इस दौरान निगम ने अदालत से अपील की कि उनके दोनों बैंक अकाउंट अब अनफ्रीज कर दिये जायें. क्योंकि हमने पैसा वापस कर दिया है. इसके बाद निगम का अकाउंट अनफ्रीज किया गया.
शहर में ऐसे पीड़ितों की संख्या सैकड़ों में
रांची शहर में पारसनाथ सिन्हा जैसे लोगों की संख्या सैकड़ों में हैं. ये वे लोग हैं, जिन्होंने आज से 10-20 साल पहले वाटर कनेक्शन लिया था, लेकिन उनके घर पर कभी सप्लाइ पानी नहीं आया. उनके घर पर निगम का बिल पहुंच गया. आज ऐसे लोग अपने बकाया बिल माफ कराने के लिए निगम का चक्कर लगा रहे हैं.