Loading election data...

बिजली-पानी संकट को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर बरसे सांसद संजय सेठ, आंदोलन की दी चेतावनी

श्री सेठ ने कहा कि इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती से बच्चे, बुजुर्ग, मरीज और किसान यानी हर वर्ग परेशान है. छोटे-छोटे उद्योग धंधे बंद होने की कगार पर है. बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण गांव के किसान खेतों में पानी नहीं पटा पा रहे हैं, जिसके चलते फसलों का नुकसान हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2023 6:07 PM
an image

रांची: सांसद संजय सेठ ने आज रविवार को सांसद कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राजधानी रांची सहित पूरे झारखंड में बिजली और पानी के बिना हाहाकार मचा हुआ है. जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, परंतु यह सरकार सोयी हुई है. ऐसा लग रहा है जैसे इस सरकार को जनसरोकार से कोई मतलब ही नहीं है. जनसरोकार से मतलब नहीं रखने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं होना चाहिए. फरवरी महीने से ही रांची में बिजली की आंख मिचौली शुरू हुई है. ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत आने लगी. इसके साथ ही जल संकट भी शुरू हुआ, परंतु इस सरकार को इन सब से कोई मतलब नहीं.

श्री सेठ ने कहा कि इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती से बच्चे, बुजुर्ग, मरीज और किसान यानी हर वर्ग परेशान है. छोटे-छोटे उद्योग धंधे बंद होने की कगार पर है. बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण गांव के किसान खेतों में पानी नहीं पटा पा रहे हैं, जिसके चलते फसलों का नुकसान हो रहा है. छोटे-छोटे व्यापारी बिजली की किल्लत से परेशान हैं. पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पानी भरने के लिए लोग रात-रात भर जाग रहे हैं. नगर निगम पूरी तरह विफल है. पानी के कारण आपस में लोग लड़ाई-झगड़ा तक कर रहे हैं. रांची के 60% चापाकल फेल हो गए हैं. बोरिंग फेल हो गई है. मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसर सब अपने बंगले में मस्त हैं और यहां की जनता बिजली-पानी के बिना त्रस्त है.

Also Read: दुर्गा सोरेन की 14वीं पुण्यतिथि: सीएम हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि, बोले-शहीद स्मारकों को भव्यता दे रही सरकार

ईचागढ़ से लेकर सिल्ली, कांके, खिजरी, हटिया, खलारी तक से प्रतिदिन दर्जनों कॉल आ रहे हैं, कहीं बिजली संकट है तो कहीं पानी का संकट है, कहीं चापाकल खराब पड़े हैं, कहीं जल मीनार बनकर तैयार है, परंतु जल जलापूर्ति नहीं हो रही है. यह ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति है. ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ दें तो शहर की स्थिति उससे भी बदतर है. शहर में मात्र 8 से 9 घंटे बिजली मिल रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कमोवेश यही स्थिति है. पेयजल का पाइप कहीं टूट जाता है, उसे सरकार तुरंत मरम्मत नहीं कर पाती है, नतीजा लाखों गैलन पानी बर्बाद हो रहे हैं.

Also Read: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पहुंचे त्रिशूर, केरल कृषि विश्वविद्यालय में नयी तकनीक से हुए रूबरू

भारत सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत इस राज्य को करोड़ों रुपए दिए. दुर्भाग्य है कि राजधानी में भी उस योजना को धरातल पर पूरी तरह से नहीं उतारा जा सका है. सरकार पानी और बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करे, ताकि इस भीषण गर्मी में जनता को कुछ राहत मिल सके. यदि सरकार अविलंब बिजली और जल संकट का समाधान नहीं निकालती है तो रांची लोकसभा क्षेत्र की जनता जोरदार आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी. मौके पर निवर्तमान पार्षद अरुण झा, सुनील यादव व अर्जुन राम उपस्थित थे.

Exit mobile version