Prabhat Khabar 40 Years: डॉक्टरों ने दी प्रतिक्रिया, बोले- पाठकों को जागरूक करने में निभायी बड़ी भूमिका
झारखंड के डॉक्टरों का कहना है कि प्रभात खबर ने पाठकों को जागरूक करने में बड़ी भूमिका निभाई है. खासकर कोरोना महामारी के दौरान लोगों को सही जानकारी उपलब्ध करायी है.
रांची : डॉक्टरों का मानना है कि प्रभात खबर अकेला ऐसा अखबार है, जो चिकित्सा जगत के सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों पहलुओं पर लेख प्रकाशित करता है. इस अखबार ने डॉक्टरों के सुख-दुख में हमेशा साथ दिया है. इस अखबार ने हमेशा अपने पाठकों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. कोरोना महामारी के समय लोगों को बीमारी के बारे में सही जानकारी भी उपलब्ध करायी.
रिसर्च बेस्ड होते हैं मेडिकल वाले लेख
प्रभात खबर ने हमेशा वास्तविकता को समाज के सामने रखा. यह शुरुआत से तथ्यपरक जानकारी देने का काम करता आ रहा है. 40 साल से लगातार एक पाठक के रूप में इस अखबार से जुड़ा हूं. मेडिकल के लेख में तथ्यों की कमी नहीं होती है. हर लेख शोधपरक रहता है.
डॉ अजय सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक
कोरोना संकट में हर स्तर पर किया जागरूक
चिकित्सा क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने में प्रभात खबर का बड़ा योगदान रहा है. कॉरपोरेट अस्पताल के बीच छोटे और चैरिटेबल अस्पतालों को बराबर की प्राथमिकता मिली है. कोरोना काल में प्रभात खबर ने लोगों को हर स्तर पर जागरूक करने का काम किया.
डॉ एसके पॉल, फिजिसियन सह कार्डियोलॉजिस्ट
सामाजिक दायित्व का करता है निर्वहन
मैं प्रभात खबर की स्थापना के समय से पाठक हूं और इससे ही मेरे दिन की शुरुआत होती है. प्रभात खबर के लेख पर लोगों को विश्वास और भरोसा रहता है, इसलिए लोग चार शब्द भी अखबार में छपने के लिए लालायित रहते हैं.
डॉ बीके वर्मा, नेत्र रोग विशेषज्ञ
लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभायी
प्रभात खबर संवेदनशील विषयों पर सकारात्मक भूमिका निभाता रहा है. कोरोना महामारी के समय जब जीवन संकट में था, उस वक्त भी बीमारी के प्रति अपने पाठकों को जागरूक कर अखबार ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभायी है.
डॉ आरएस दास, सर्जन
हमेशा मुद्दों की पत्रकारिता की
प्रभात खबर को तब से जानता हूं, जब मैं मेडिकल स्टूडेंट था. भाषाई तौर पर इस अखबार ने हमेशा मुद्दों पर आधारित पत्रकारिता की है. कोई ऐसा लेख प्रकाशित नहीं हुआ, जो बिना शोध के हो. इसने खोजी पत्रकारिता का मानक स्थापित किया है. हिंदी पत्रकारों को इस अखबार ने आत्मविश्वास और निर्भीकता का पाठ पढ़ाया है.
डॉ एमपी सिंह, सर्जन
दिल के करीब है प्रभात खबर
प्रभात खबर ही एक ऐसा अखबार है, जो मेरे दिल के करीब है. इस अखबार से मेरा जुड़ाव स्थापना काल से है. एक परिवार की तरह हमारा नाता रहा है. निर्भीक और तथ्यों की पत्रकारिता सिर्फ प्रभात खबर में देखने को मिलती है. 40 वर्ष के सफर में मैंने कभी भी एकपक्षीय पत्रकारिता करते अखबार को नहीं देखा है. मेडिकल के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने का कार्य भी बखूबी अखबार निभाता रहा है.
डॉ सुरेश देबुका, हड्डी रोग विशेषज्ञ
हमारे जीवन का बना अहम हिस्सा
बचपन प्रभात खबर अखबार पढ़ना अब तो एक आदत बन गयी है और यह हमारे निजी जीवन का हिस्सा बन चुका है. यह हमारे नजरिये को व्यापक बनाता है. आज की व्यस्त दुनिया में लोगों के पास अपने काम से बाहर की चीजों के बारे में जानने के लिए ज्यादा समय नहीं होता है.
डॉ रवि राज , एमडीएस, सदर अस्पताल
तीन दशकों से भी ज्यादा वक्त से जुड़ाव रहा
प्रभात खबर से तीन दशकों से भी ज्यादा वक्त से जुड़ाव रहा है. इससे हम दिन की शुरुआत करते हैं. काम पर जाने से पहले ताजा खबरों और सूचनाओं से रूबरू होना हमारे प्रोफेशन के लिहाज से भी फायदेमंद होता है. आज की डिजिटल दुनिया में जानकारी ऑनलाइन आसानी से मिल जाती है, लेकिन ऑनलाइन स्रोतों की प्रामाणिकता अक्सर अनिश्चित होती है. लेकिन इसकी रिपोर्ट में समग्रता होती है.
डॉ विमलेश कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल
अखबार से भावनात्मक जुड़ाव हो गया
इतने वर्षों से खबरें पढ़ते हुए भावनात्मक जुड़ाव सा हो गया है. मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान से ही इसका पाठक रहा हूं. यह अखबार झारखंड की लोक संस्कृति, सभ्यता और समाज को आईने की तरह दर्शाता है.
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डॉ प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची
बचपन से ही प्रभात खबर के प्रति गहरा लगाव रहा है
बचपन से ही प्रभात खबर पढ़ता आ रहा हूं. प्रभात खबर रंगीन था, इसलिए ज्यादा आकर्षक लगता था. अब चिकित्सा जगत की खबरों पर ज्यादा नजर रखता हूं. मेडिकल की खबरों के तथ्यों को हर स्तर पर परखने के बाद प्रकाशित करनी चाहिए़
डॉ विभूति कश्यप, युवा नेत्र रोग विशेषज्ञ
प्रभात खबर की रिपोर्ट में रहती है प्रामाणिकता
इस अखबार ने हमेशा अपनी लेखनी के माध्यम से मानवता का संदेश लोगों को दिया है. प्रभात खबर की रिपोर्ट में प्रमाणिकता रहती है, तभी 30 वर्षों से इसकी रिपोर्ट पर हम भरोसा करते आये हैं. अखबार सभी वर्गों और पहलुओं को छूता है.
डॉ रंजू सिन्हा, सदर अस्पताल रांची
स्वस्थ समाज के निर्माण में दे रहा योगदान
प्रभात खबर से मेरा जुड़ाव सबसे लंबे समय से माना जा सकता है. यही एक अखबार है, जो निर्भीकता के साथ मेडिकल एजुकेशन और इस पेशे में आयी गिरावट को लिखने की हिम्मत रखता है. अखबार लगातार लोगों को जागरूक करने में लगा रहता है, जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो पाये. तथ्यात्मक कमी नहीं रहे, इसके लिए पूरी जानकारी एकत्र कर ही अखबार लेख प्रकाशित करता है.
पद्मश्री डॉ एसपी मुखर्जी, पैथोलॉजिस्ट सह फिजिसियन
भविष्य में भी आम जन की आवाज बने
प्रभात खबर समाचारों-सूचनाओं पर आधारित उम्दा प्रकाशन है, जिसमें सभी तरह की जानकारियां होती हैं. इसने अपने अखबार नहीं आंदोलन के स्लोगन को समाज के बीच मजबूती से स्थापित किया है. अपने अस्तित्व काल से ही सभी पाठक वर्ग को शिक्षित किया है. भविष्य में भी अखबार आम लोगों की आवाज को उठाता रहे, यही शुभकामना है.
डॉ अजय कुमार झा, सदर अस्पताल
सूचनाओं पर आधारित उम्दा प्रकाशन
प्रभात खबर समाचारों और सूचनाओं पर आधारित उम्दा प्रकाशन है, जिसमें मुख्यत: सामयिक घटनाओं, आर्थिक स्थिति, मनोरंजन, राजनीति, खेलकूद, व्यक्तित्व और विज्ञापन से जुड़ी जानकारियां होती हैं.
डॉ विनोद कुमार, क्षेत्रीय उपनिदेशक,
स्वास्थ्य सेवाएं
सूचना का बना विश्वसनीय स्रोत
देश-दुनिया की खबरों से अपडेट करने के लिए अखबार की पूरी टीम कठिन परिश्रम करती रहती है. सूचना के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में प्रभात खबर देखा जाता है. यह मोस्ट ट्रस्टेड न्यूजपेपर के तौर पर समाज में स्थापित है. इसकी नियमित प्रामाणिक खबरों पर समाज के सभी वर्गों का भरोसा रहता है. मेरे बाबा तो इसके असली प्रशंसक हैं.
डॉ अंशु टोप्पो, इएनटी स्पेशलिस्ट, सदर अस्पताल
सटीक जानकारी देता है इसलिए है विश्वसनीय
वर्तमान में बहुत बड़ी आबादी है, जो सुबह-सुबह समाचार पत्रों को पढ़ना पसंद करती है. समाचार पत्रों में प्रभात खबर सटीक जानकारी देता है और उन पर भरोसा किया जाता है. इसने वर्षों से लोगों का विश्वास अर्जित किया है. प्रभात खबर से हमें संस्कृति, परंपरा, कला और साहित्य के बारे में भी जानकारी मिलती है.
डॉ अरुण विजय कुमार बाखला, मेडिकल ऑफिसर
प्रभात खबर ने अपनी सबसे अलग छवि गढ़ी है
समाचार पत्रों की भीड़ में प्रभात खबर ने अपनी एक अलग छवि गढ़ी है. इसने असंख्य लोगों को न्याय दिलाने का काम किया है. आंदोलन और संघर्ष को रास्ता दिखाया है. अक्सर लोगों की राय महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में भी सटीक जानकारी के साथ ही समाधान प्रदान करती हैं. डिजिटल मीडिया के उदय के बाद भी वर्तमान में समाचार पत्र कई लोगों के लिए सूचना का विश्वसनीय स्रोत बने हुए हैं.
डॉ हरीश चंद्र, फिजिशियन