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Prabhat Khabar @ 39: प्रभात खबर ने की जनसरोकार की पत्रकारिता, आम लोगों की बना आवाज

Prabhat Khabar @ 39: प्रभात खबर जनसरोकार की पत्रकारिता के लिए जाना जाता है. अविभाजित बिहार (Bihar) हो या झारखंड (Jharkhand) गठन के बाद. प्रभात खबर ने खुलकर उन मुद्दों को उठाया, जिसने आम लोगों को परेशान किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2022 6:43 AM
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Prabhat Khabar @ 39: प्रभात खबर जनसरोकार की पत्रकारिता के लिए जाना जाता है. अविभाजित बिहार (Bihar) हो या झारखंड (Jharkhand) गठन के बाद. प्रभात खबर ने खुलकर उन मुद्दों को उठाया, जिसने आम लोगों को परेशान किया. यूं तो प्रभात खबर ने 38 साल की यात्रा के दौरान अनगिनत मुद्दे उठाये, लेकिन आज हम उन चुनिंदा मुद्दों की बात करेंगे, जब अखबार आम लोगों की आवाज बना और अखबार नहीं आंदोलन के अपने टैगलाइन को साकार किया.

रांची में बिजली-पानी की किल्लत

अविभाजित बिहार की उपराजधानी रांची में बिजली का टावर गिर गया था. रांची में बिजली-पानी का संकट उत्पन्न हो गया. प्रभात खबर ने इसके खिलाफ अभियान चलाया. अखबार में प्रमुखता के साथ खबर छपी, तो लोग भी सड़क पर उतर आये. अखबार और आम लोगों के दबाव में प्रशासन हरकत में आया और बिजली सेवा बहाल हुई.

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नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का विरोध

नेतरहाट में फील्ड फायरिंग रेंज बनाने का फैसला हुआ. ग्रामीणों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की. प्रभात खबर जनता के साथ खड़ा हुआ. फायरिंग रेंज के खिलाफ प्रभात खबर में रिपोर्ट छपी, तो यह बड़ा मुद्दा बन गया.

नकली दवा के खिलाफ अभियान

रांची में नकली दवा की बिक्री जोरों पर होने लगी थी. रांची में ही दवा बनती भी थी. प्रभात खबर ने न केवल इस मामले को उजागर किया, बल्कि इसके खिलाफ अभियान चलाया. अंतत: फैक्ट्री बंद करनी पड़ी और लोगों को जानलेवा नकली दवा से निजात मिली.

पशुपालन घोटाला को किया उजागर

अविभाजित बिहार में हुए पशुपालन घोटाला का पर्दाफाश प्रभात खबर ने ही किया था. बजट से अधिक निकासी के मुद्दे को प्रभात खबर ने सबसे पहले प्रकाशित किया. घोटाले से जुड़ी हर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. सुनवाई हुई और लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र सरीखे बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ा.

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रैगिंग के खिलाफ अभियान

रांची वीमेंस कॉलेज (Ranchi Womens College) में एक छात्रा के साथ रैगिंग की घटना हुई थी. उसे काफी प्रताड़ित किया गया था. प्रभात खबर ने इस मुद्दे को उठाया और पीड़ित छात्रा को न्याय दिलायी.

जेपीएससी में धांधली

झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन में धांधली (Corruption in JPSC) हुई थी. एक अभ्यर्थी ने प्रभात खबर को चिट्ठी लिखी. उसने कहा कि बहाली में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. ऐसे में क्यों न मैं नक्सली बन जाऊं. प्रभात खबर ने उसकी चिट्ठी छापी. इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रभात खबर ने इस विषय पर लगातार रिपोर्टिंग की. आखिरकार मामले की जांच शुरू हुई.

झारखंड आंदोलन की बना आवाज

प्रभात खबर झारखंड आंदोलन की आवाज बना. आंदोलन करने वाले किसी शख्स के खिलाफ पुलिस ने दमनकारी कार्रवाई की, तो प्रभात खबर आंदोलनकारी के साथ खड़ा हुआ. अलग झारखंड राज्य के गठन की रणनीति बनाने के लिए भी प्रभात खबर ने कई बार मीटिंग की.

झारखंड आंदोलनकारियों को दिलायी मान्यता

अलग झारखंड के लिए आंदोलन करने वालों को मान्यता दिलाने के लिए प्रभात खबर ने लगातार प्रयास किया. झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान के लिए आयोग का गठन हुआ. अब उन्हें पेंशन और आरक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है.

राज्यसभा चुनाव में धन के लेन-देन का विरोध

राजनीतिक दलों के द्वारा पैसे लेकर बाहरी लोगों को झारखंड से राज्यसभा भेजने की परंपरा का प्रभात खबर ने विरोध किया. इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. स्थिति पूरी तरह तो नहीं बदली, लेकिन इसमें अब थोड़ा सुधार आया है. काफी दिनों बाद निर्विवाद रूप से झारखंड के दो नेता राज्यसभा पहुंचे.

प्रकृति का संरक्षण

प्रभात खबर ने प्रकृति के संरक्षण के लिए भी काम किया. जल, जंगल और जमीन की बात तो की ही, पहाड़ों को काटे जाने के खिलाफ अभियान चलाया. प्रभात खबर की रिपोर्टिंग की वजह से ग्रीन ट्रिब्यूनल (Green Tribunal) ने इस पर एक्शन लिया.

पॉलिथीन के खिलाफ अभियान

पॉलिथीन के खिलाफ प्रभात खबर ने पूरे झारखंड में अभियान चलाया. लोगों को पॉलिथीन के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. सरकार से मांग की गयी कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पॉलिथीन को राज्य में प्रतिबंधित किया जाये. सरकार ने पॉलिथीन को प्रतिबंधित कर दिया. हालांकि, अभी भी इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगी है.

पलामू में अकाल के समय राहत अभियान

पलामू में भीषण अकाल पड़ा था. भोजन के अभाव में लोगों की मौत हो रही थी. चारा नहीं मिलने की वजह से मवेशी मर रहे थे. प्रभात खबर ने समाज के साथ मिलकर बड़ा राहत अभियान चलाया था.

कोरोना काल में की लोगों की मदद

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस ने दस्तक दी, तो बहुत से लोग बेरोजगार हो गये. ट्रेनों के जरिये अन्य राज्यों से झारखंड पहुंचे लोग संकट में थे. समाज की मदद से प्रभात खबर ने प्रवासी मजदूरों एवं जरूरतमंदों के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था की.

मेडिकल लूट का विरोध

मेडिकल के क्षेत्र में मची लूट को खत्म करने के लिए प्रभात खबर ने अभियान चलाया. बाईपास सर्जरी में हॉस्पिटल अनाप-शनाप बिल बनाते थे. बेवजह के टेस्ट करवाते थे. प्रभात खबर के अभियान के बाद सरकार ने स्टेंट के रेट तय कर दिये.

अंधविश्वास के खिलाफ अभियान

प्रभात खबर ने लगातार अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाया. मामला डायन प्रथा का हो या किसी स्वयंभू बाबा का. निर्मल बाबा (Nirmal Baba) के खिलाफ प्रभात खबर ने ही अभियान चलाया था. इसके बाद उनकी दुकान काफी दिनों तक बंद रही.

डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को दिलायी पहचान

डॉ सुभाष मुखोपाध्याय अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन, हजारीबाग में जन्मे डॉ मुखोपाध्याय को प्रभात खबर ने पहचान दिलायी. टेस्ट ट्यूब बेबी के जनक डॉ सुभाष मुखोपाध्याय के बारे में देश को बताया. हजारीबाग जिला प्रशासन ने सदर अस्पताल में डॉ सुभाष मुखोपाध्याय की प्रतिमा स्थापित की. डॉ मुखोपाध्याय ने बंगाल में प्रैक्टिस की थी और टेस्ट ट्यूब बेबी का सफल प्रयोग किया था. हालांकि, उन्हें कभी इसका श्रेय नहीं दिया गया.

गढ़वा के प्रतापपुर गांव में फ्लोरोसिस

गढ़वा जिला के प्रतापपुर गांव में फ्लोराईड से लोग परेशान हैं. प्रभात खबर ने वहां की ग्राउंड रिपोर्टिंग की. झारखंड हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लिया. गढ़वा के प्रिंसिपल जज से जांच कराकर वहां लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के आदेश सरकार को दिये.

प्रभात खबर की विश्वसनीयता

पूर्वी सिंहभूम जिला के धालभूमगढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) प्रशांत लायक का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था. नक्सलियों ने जब उन्हें छोड़ने की घोषणा की, तो कहा कि प्रभात खबर को ही सौंपेंगे और ऐसा ही किया.

प्रभात खबर ने ये काम भी किये

  • प्रभात खबर ने शहीद अल्बर्ट एक्का के परिवार के लिए सवा चार लाख रुपये जमा किया और उनकी पत्नी बलमदीना एक्का को उसका ड्राफ्ट सौंपा.

  • दुनिया के प्रसिद्ध गणितज्ञ वशिष्ट नारायण सिंह के लिए पैसे जुटाये. उनकी खुशियां लौटायीं. प्रभात खबर की पहल का असर था कि बेंगलुरु में उनका इलाज हुआ. कई विश्वविद्यालयों ने उन्हें विजिटर प्रोफेसर बनाने का वादा किया.

  • डायन प्रथा के खिलाफ प्रभात खबर ने ऑपरेशन अंधविश्वास चलाया. फ्री लीगल एड कमेटी की टीम के साथ मिलकर लोगों को बताया कि डायन प्रथा कितना बड़ा अभिशाप है.

  • प्रभात खबर ने राज्य के विकास पर चर्चा के लिए दिल्ली में एक समारोह का आयोजन किया. इसमें चंद्रशेखर, शत्रुघ्न सिन्हा, अनेक बुद्धिजीवी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और 30 सांसद शामिल हुए.

  • झारखंड में शराब विरोधी अभियान का प्रभात खबर ने समर्थन दिया. देखते ही देखते झारखंड के 100 से अधिक गांवों में यह अभियान पहुंच गया. बहुत सी जगहों पर अवैध शराब की भट्ठियों को तोड़ डाला गया. शराब की दुकानें बंद हो गयीं.

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