Prabhat Khabar @ 39: झारखंड की प्रगति का सहयात्री है प्रभात खबर
प्रभात खबर के रांची संस्करण आज अपनी स्थापना के 38 वर्ष पूरे कर रहा है. देश जब आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, तब प्रभात खबर का स्थापना दिवस खास मायने रखता है. आजादी के संघर्ष में झारखंड की भूमिका पर हम लगातार सामग्री दे रहे हैं.
जोहार, प्रभात खबर के रांची संस्करण ने अपनी यात्रा का एक और पड़ाव पूरा कर लिया है. आप सभी के स्नेह और विश्वास के बल पर आज (14 अगस्त, 2022) अपनी स्थापना के 38 वर्ष पूरे कर रहा है. प्रभात खबर के आगे बढ़ने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ पाठकों को जाता है, जिन्होंने प्रभात खबर के प्रति अपना स्नेह बनाये रखा है. देश जब आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, तब प्रभात खबर का स्थापना दिवस खास मायने रखता है. आजादी के संघर्ष में झारखंड की भूमिका पर हम लगातार सामग्री दे रहे हैं.
Also Read: Prabhat Khabar Anniversary: प्रभात खबर ने सफलता के 38 साल किए पूरे, 39वें में रखा कदम, देखें वीडियो
हम मानते हैं कि अतीत की थाती पर ही बेहतर भविष्य की नींव डाली जा सकती है. हमें गर्व है कि झारखंड की माटी-पानी का यह अखबार तीन-तीन राष्ट्रीय अखबारों की चुनौती के बावजूद निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है. प्रभात खबर ने हमेशा सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता को केंद्र में रखा और पाठकों का भरोसा जीतने की कोशिश की है. हमने समय-समाज के जरूरी सवालों को हमेशा उठाया है. हमारा मानना रहा है कि जीवन की बुनियादी चिंताओं के साथ स्थानीय चुनौतियों से दो-चार हुए बिना जन से नहीं जुड़ा जा सकता है. कंटेंट के स्तर पर एक नयी किस्म की पत्रकारिता का प्रयास किया. हमने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों को नये संदर्भों में रखा. अनेक ऐसे विषय-मुद्दे रहे, जिसे हमने पत्रकारीय नजर से देखा.
पिछले कुछ वर्षों में जीवन के हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं. हमारा मानना रहा है कि जीवन की बुनियादी चिंताओं के साथ स्थानीय चुनौतियों से दो-चार हुए बिना जन से नहीं जुड़ा जा सकता है. प्रभात खबर ने झारखंड की बेहतरी और बेहतर समाज निर्माण की दिशा में एक अखबार के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का भरसक निर्वहन किया है.
Also Read: Prabhat Khabar @ 39: प्रभात खबर ने की जनसरोकार की पत्रकारिता, आम लोगों की बना आवाज
प्रभात खबर लगातार जनता के दुख-सुख से जुड़े सवाल उठाता रहा है. अस्पतालों की बदहाली हो, सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार हो या किसानों की समस्या, हालात को बदलने की हमारी कोशिश जारी है. जहां तक सूचना तकनीक का प्रश्न है, बीते एक दशक में इससे शायद ही कोई अछूता हो. अनियंत्रित सूचनाएं आपके पास उपलब्ध हैं. पर उसकी विश्वसनीयता का कोई पैमाना नहीं है. हम ऐसा हरगिज नहीं कह रहे कि सोशल मीडिया की सभी सूचनाएं विश्वास करने योग्य नहीं होतीं. पर उन सूचनाओं की पुष्टि के लिए लोग प्रिंट मीडिया की ओर मुखातिब होते हैं. यही प्रिंट मीडिया की वास्तविक ताकत है.
प्रभात खबर झारखंड का एकमात्र अखबार है, जो दीपावली के अवसर पर साहित्यिक अंक प्रकाशित करता है. ग्रामीण पत्रकारिता के क्षेत्र में हमने पंचायतनामा का प्रयोग किया, तो न्यू मीडिया के क्षेत्र में हमारी वेबसाइट प्रभात खबर डॉट कॉम और एफएम रेडियो धूम की दमदार उपस्थिति है. मित्रों, प्रभात खबर की इस यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आये. लेकिन आपके-हमारे बीच कायम विश्वास के बूते ही हम सारे पड़ावों को पार कर पाए. इस मौके पर हम प्रभात खबर के सुधि पाठकों, विज्ञापनदाताओं और अखबार के वितरक बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं. आपके सहयोग के बगैर हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाते.