प्रभात खबर ने तोरपा एवं कर्रा में 150 गर्भवती महिलाओं को पोषण सामग्री दी
प्रभात खबर ने शालिनी हॉस्पिटल के साथ मिलकर तोरपा एवं कर्रा प्रखंड के (रांची से लगभग 60 किलोमीटर दूर) अंतर्गत लिमडा ब्रकुली पंचायत में गांव की लगभग 150 गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया. साथ उन्हें सही पोषण के लिए खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराया.
रांची : प्रभात खबर ने शालिनी हॉस्पिटल के साथ मिलकर तोरपा एवं कर्रा प्रखंड के (रांची से लगभग 60 किलोमीटर दूर) अंतर्गत लिमडा ब्रकुली पंचायत में गांव की लगभग 150 गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया. साथ उन्हें सही पोषण के लिए खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराया.
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में आज भी गरीबी सबसे बड़ी बीमारी है. उचित पोषण के अभाव में महिलाएं और बच्चे कुपोषित हैं. स्वास्थ्य जांच के दौरान पता चला कि महिलाओं में हीमोग्लोबिन काफी कम है. इतना ही नहीं, छोटे बच्चों का उचित विकास नहीं हो रहा है. उनका वजन जितना होना चाहिए, उससे कम है.
खनिज संपदा से समृद्ध राज्य झारखंड में बिहार और मध्यप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे झारखंड में हैं. राज्य की 3.3 करोड़ की आबादी में 1.3 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 2014-15 (NHFS-4) के आंकड़ों पर गौर करें, तो झारखंड के 45.3 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
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एनएचएफएस-4 की ही रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड के 10 में 9 बच्चों को पोषक आहार नहीं मिलता. कुपोषण की वजह से ही पांच साल से कम उम्र के बच्चों का वजन सामान्य से कम है. काफी संख्या में बच्चे बौने हैं. 45.3 फीसदी बच्चों का वजन उनकी लंबाई के अनुपात में कम है. 47.8 फीसदी बच्चों का वजन उनकी उम्र के हिसाब से सामान्य से काफी कम है.
Posted By : Mithilesh Jha