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प्रभात खबर के प्रधान संपादक को धमकी मामला CID को ट्रांसफर, योगेंद्र तिवारी को दूसरे जेल भेजने की सिफारिश

प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को धमकी मामला बेहतर जांच के लिए राज्य सरकार ने CID को ट्रांसफर कर दिया. वहीं योगेंद्र तिवारी का सेल सर्च किया गया. उसके सेल से दो फोन भी मिलने की चर्चा है, पर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. योगेंद्र तिवारी को दूसरे जेल भेजने की भी सिफारिश की गई है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 1, 2024 8:32 AM

Jharkhand News: ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से योगेंद्र तिवारी के नाम पर लैंड लाइन से फोन कर धमकी दी गयी थी. इस मामले में सदर थाना में 29 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इस मामले को बेहतर अनुसंधान के लिए राज्य सरकार ने सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया है. वहीं, योगेंद्र तिवारी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से राज्य के किसी दूसरे जेल में ट्रांसफर करने की अनुशंसा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा प्रशासन ने रांची के उपायुक्त से की है.

दूसरी ओर बिरसा मुंडा कारा के जेलर ने रविवार की सुबह 9:00 बजे योगेंद्र तिवारी के सेल 10 (हॉल) में सर्च कराया. इस दौरान तिवारी के सेल से सीलिंग फैन और मच्छरदानी सहित अन्य ऐशो-आराम की चीजें हटवायी गयीं. जेल के सूत्र बता रहे हैं कि इस दौरान योगेंद्र तिवारी के बेड से एक एप्पल फोन व एक की-पैड मोबाइल बरामद किया गया. हालांकि, जेलर ने कहा कि इस तरह की सूचना जेलकर्मियों ने उन्हें नहीं दी है. इससे पहले शनिवार रात 9:30 बजे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक बेसरा निशांत रॉबर्ट ने रांची के एडीएम नक्सल रामवृक्ष महतो को अपना प्रभार सौंप दिया. चार्ज लेने के बाद श्री महतो ने मामले में कार्रवाई शुरू की.

अधीक्षक ने प्राथमिकी के लिए खेलगांव थाना को लिखा

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पूछताछ में योगेंद्र तिवारी ने संपादकों को फोन कर धमकी देने की बात कबूल की है. इसको देखते हुए प्रभारी जेल अधीक्षक सह रांची के एडीएम (नक्सल) रामवृक्ष महतो ने योगेंद्र तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए खेलगांव थाना को रविवार को आवेदन दिया है. आवेदन में कहा है कि जामताड़ा जिले के मिहिजाम रोड निवासी योगेंद्र तिवारी ने ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को बंदियों के लिए लगाये गये लैंड लाइन से फोन किया था. टेलीफोन में लगे कॉल रिकॉर्डिंग डिवाइस की भी जांच की गयी है. इसमें योगेंद्र तिवारी ने बातचीत के क्रम में प्रधान संपादक से चेतावनी भरे शब्दों के प्रयोग करने के साक्ष्य मिले हैं. इस आधार पर योगेंद्र तिवारी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाये.

कंप्यूटर ऑपरेटर ने स्वीकारा, बिना अनुमति नंबर किया फीड

‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक को धमकी दिये जाने के मामले में 30 दिसंबर को जेल अधीक्षक बेसरा निशांत रॉबर्ट ने जेल के कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार व एएसआइ अवधेश सिंह को शो-काॅज किया था. दोनों से पूछा था कि संपादकों के तीन नंबरों को बिना अनुमति कैसे फीड किया गया था. कंप्यूटर ऑपरेटर ने शो-कॉज के जवाब में स्वीकार किया है कि उसने बिना जेल अधीक्षक व जेलर की अनुमति के नंबर को फीड किया था. एएसआइ अवधेश सिंह द्वारा जवाब जेल प्रशासन को नहीं दिया गया है.

तीन बार अवधेश सिंह से मिला पीपी

जेल के सूत्र बताते हैं कि योगेंद्र तिवारी के सेल में सर्च के बाद जेल के अंदर गुमटी (केंद्र स्थल) पर मौजूद एएसआइ अवधेश सिंह से पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश ने तीन बार मुलाकात की. कहा जा रहा है कि योगेंद्र तिवारी के पास से मिले मोबाइल के मामले को सलटाने के लिए पीपी ने अवधेश सिंह से मुलाकात की थी. हालांकि, जांच के बाद सही तथ्य सामने आयेंगे. जेल के सूत्र बताते हैं कि 20 दिसंबर को गुमटी यानी जेल के केंद्र स्थल पर प्रेम प्रकाश, योगेंद्र तिवारी और एएसआइ अवधेश सिंह के बीच मीटिंग हुई थी.

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