प्रधान संपादक को धमकी मामले में लोगों ने की घटना की निंदा, जानें किसने क्या कहा
कांग्रेस ने झारखंड सरकार से मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है, वही प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने जेल से फोन कर धमकी दिये जाने पर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये.
रांची : बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद योगेंद्र तिवारी द्वारा 29 दिसंबर को प्रभात खबर के प्रधान संपादक को फोन कर धमकी दिये जाने की घटना की लोगों ने भर्त्सना की है. धमकी की घटना को दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने गंभीर मामला बताते हुए पूरे मामले की जांच व पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. मामले की पत्रकार संगठनों, सांसदों-विधायकों, सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रमुख नेताओं, स्टेट बार काउंसिल के पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक संगठनों व प्रबुद्ध लोगों ने निंदा की. कांग्रेस ने झारखंड सरकार से मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है, वही प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने जेल से फोन कर धमकी दिये जाने पर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये.
दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने बताया मामले को गंभीर
प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को बिरसा मुंडा जेल से मिली धमकी मामले को दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) ने बेहद गंभीर बताया है. यूनियन ने नयी दिल्ली से जारी अपने आधिकारिक बयान में प्रमुख हिंदी अखबार प्रभात खबर के संपादक को मिल रही धमकियों को लेकर गहरी आशंका व्यक्त की है. इस मामले में प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी के द्वारा झारखंड पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को औपचारिक शिकायत भेजे जाने के बाद पूरे मामले को गंभीर बताते हुए जांच की मांग की है.
डीयूजे की ओर से प्रसिडेंट सुजाता मधोक, वाइस प्रेसिडेंट एसके पांडे और जेनरल सेक्रेटरी एएम जिगीश ने संयुक्त बयान जारी किया है. बयान में उनकी ओर से कहा गया कि धमकी रांची की बिरसा मुंडा जेल से दी जा रही है, जिसकी तत्काल उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए. डीयूजे ने जेल के भीतर माफियाओं के हाथों में मोबाइल या फोन की सहज उपलब्धता की पड़ताल की भी मांग रखी. यूनियन ने इस थ्रेट को काफी गंभीरता से लिया और प्रभात खबर संपादक और उनके कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग की. बयान में पत्रकारों के ऊपर हो रहे शारीरिक हमले, खुली धमकियां, उनकी खुलेआम हो रही ट्रोलिंग और छापेमारी जैसी घटनाओं के अन्य मामलों का भी जिक्र करते हुए मजबूत सुरक्षा कानून की मांग की.
डीजीपी से मिलेगा पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल
शनिवार को द रांची प्रेस क्लब ने जेल से मिली खुली धमकी देने की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया. शनिवार को क्लब की पहली बैठक में पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर त्वरित कार्रवाई की मांग की. क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन ने कहा कि इस तरह की धमकी स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता पर सीधा हमला है. यह पत्रकारिता की साख को चुनौती है. अगर शासन स्तर पर सख्त कदम नहीं उठाये जाते, तो पत्रकार लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे. क्लब के सचिव अमरकांत ने सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की. कहा कि रांची प्रेस क्लब और पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही डीजीपी से मिल कर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जतायेगा.
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सरकार की होती है बदनामी, जांच करा करें कार्रवाई : बंधु
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि जेल में बंद किसी आरोपी का लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को धमकी देना बिल्कुल गलत है. यह एक तरह से प्रशासन एवं सरकार को चुनौती है. इस तरह की घटना से सरकार की भी बदनामी होती है. मामले की गहन जांच होनी चाहिए. दोषी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. श्री तिर्की ने कहा कि मीडिया को अपना काम करने से रोका नहीं जा सकता है. मीडियाकर्मी को धमकी देना पूरी तरह से आपराधिक कृत्य है. राज्य सरकार दोषी को माफ नहीं करेगी. जांच के बाद निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.
अपराधियों को सरकार का संरक्षण : नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि प्रभात खबर के प्रधान संपादक को जेल से धमकी मिलने की घटना अत्यंत निंदनीय है. यह घटना सरकार व कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान की तरह है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल लचर स्थिति में है. यह घटना इस बात की पुष्टि कर रही है. पत्रकारों को इस तरह जेल से धमकी मिलना विधि व्यवस्था की पोल खोल रहा है. धनबाद जेल में हत्या की घटना और अब जेल से पत्रकार को धमकी देना, ऐसा लगता है कि सरकार का संरक्षण अपराधियों को मिला हुआ है.
जेलर रोबिन मिंज का स्थानांतरण भी इसी ओर इशारा कर रहा है. श्री बाउरी ने कहा कि सरकार अपराधियों को संरक्षण देने में लगी हुई है. बिना संरक्षण के अपराधियों का मनोबल इतना नहीं बढ़ सकता है. अपराधियों का मनोबल इस स्तर तक बढ़ा हुआ है कि घटना को अंजाम देने के बाद निश्चित होकर घूमते हैं. पत्रकारों को धमकी मामले में उच्च स्तरीय कार्रवाई करने की जरूरत है. अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.
राज्य में कानून- व्यवस्था ध्वस्त : अन्नपूर्णा देवी
रांची. केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को जेल से मिली धमकी पर बोलते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. पूरा सिस्टम फेल हो गया है. अपराधियों व भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है. ऐसे लोगों में कानून का डर नहीं है. फलत: ये लोग जेल से भी धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया निष्पक्ष होकर अपना काम कर रहा है और ऐसे में उसके कामकाज को धमकी देकर प्रभावित करना, न सिर्फ गंभीर विषय है, बल्कि चिंता की भी बात है. सरकार और अपराधियों के गठजोड़ के कारण ही पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. पूरे मामले की जांच के बाद ऐसे अपराधियों को संरक्षण देने वालों पर भी ठोस कार्रवाई होनी चाहिए.
अराजकता की पराकाष्ठा, कार्रवाई हो : पीएन सिंह
धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि होटवार जेल रांची से एक बंदी द्वारा प्रभात खबर के प्रधान संपादक को फोन पर धमकी देना बहुत ही निंदनीय है. आखिर जेल में बंदी के पास मोबाइल कैसे आया. कैसे वह लगातार फोन कर लोगों को धमकी दे रहा है. यह राज्य में व्याप्त अराजक स्थिति का एक उदाहरण है. राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए. जेल में बंदियों तक मोबाइल पहुंचाने वाले कारा के अधिकारियों, कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. आखिर कोई बंदी कैसे लगातार फोन का इस्तेमाल कर रहा है. यह मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास है.
सरकार की कार्यशैली पर सवाल : संजय सेठ
झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार और प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार जेल से मिली धमकी को लेकर सांसद संजय सेठ ने कई सवाल खड़े किये हैं. श्री सेठ ने बयान जारी कर कहा कि जेल के लैंडलाइन नंबर से झारखंड और देश के जाने-माने पत्रकार को फोन पर धमकी दिया जाना, सीधे-सीधे सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा करने वाला है. यह बताने वाला है कि कैसे झारखंड में सरकार के संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद है. सरकार से भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है. भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकियां दी जा रही है. सांसद ने कहा कि झारखंड सरकार को कोई हक नहीं है कि यह सत्ता में रह कर जनकल्याण की झूठी बातें करें.
आरोपी को तिहाड़ जेल भेजा जाये : दीपक प्रकाश
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से धमकी भरे फोन कॉल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोपियों को तिहाड़ जेल भेजने की मांग की है. श्री प्रकाश ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि जब से झारखंड में जंगलराज कायम हो चुका है. झारखंड में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. राज्य में कानून व्यवस्था को लागू करने की जिनकी जिम्मेदारी होती है, सरकार ने उन्हें वसूली में लगा दिया है. आज झारखंड में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है.
श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार ने दो दिन पहले ही संताल के आदिवासी, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ जेल अधिकारी निशांत बेसरा का तबादला सिर्फ इस लिए कर दिया, क्योंकि उन्होंने जेल के अंदर कानून का राज स्थापित करने का प्रयास किया था. जेल के अंदर रहनेवाले को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और आनन फानन में उसका तबादला करवा दिया.
अपराधी जेल से चला रहे समानांतर सरकार: चौधरी
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि प्रभात खबर के प्रधान संपादक को जेल से धमकी देना और वरीय स्थानीय संपादक विजय पाठक को जेल से आये फोन की घटना अत्यंत ही निंदनीय है. राज्य में अपराधी और उग्रवादी जेल से समानांतर सरकार चला रहे हैं. राज्य में विधि व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. कानून व्यवस्था नाम की कहीं कोई चीज दिखाई नहीं पड़ रही है. कहीं जेल से धमकी मिल रही है, तो कहीं जेल में कैदियों की हत्या की जा रही है. इस सरकार में कहीं कोई सुरक्षित नहीं है.
जब प्रभात खबर के प्रधान संपादक को जेल से धमकी मिल सकती है, तो किसी और की सुरक्षा के बारे में इस राज्य में फिलहाल सोचना भी मूर्खता है. हेमंत सरकार ने विधि व्यवस्था को ध्वस्त करके रख दिया है. श्री चौधरी ने कहा कि प्रधान संपादक को मिली धमकी के मामले की उच्चस्तरीय जांच हो तथा पर्दे के पीछे छुपे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.
राज्य में चौथा स्तंभ भी सुरक्षित नहीं : केदार
जमुआ के विधायक केदार हाजरा ने कहा कि राज्य में चौथा स्तंभ भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि समाज को आईना दिखाने वाले लोग ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो आईना कौन दिखायेगा. झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. भ्रष्टाचारियों के साथ मिलकर झारखंड को लूटा जा रहा है. उन्होंने इस मामले में शामिल जेल अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है.
जंगल राज का प्रत्यक्ष प्रमाण : राज सिन्हा
धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने कहा है कि झारखंड में जंगल राज व्याप्त है. प्रभात खबर के प्रधान संपादक को धमकी इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण है. कहा कि जेल के अंदर पैसे वाले बंदियों को हर तरह की सुविधाएं मिल रही है. कारा की सुरक्षा कितनी बदहाल है. यह धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या से भी सामने आ चुकी है. ऑटोमैटिक हथियार जेल के अंदर पहुंच जाता है. कहा : यह मीडिया की आवाज दबाने की साजिश है.
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला : लंबोदर
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि होटवार जेल के अंदर से प्रभात खबर के प्रधान संपादक को मिली धमकी की घटना अत्यंत ही निंदनीय है. यह एक तरह से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. यह घटना साबित करती है कि राज्य में विधि-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. जब जेल के अंदर से किसी अखबार के प्रधान संपादक को धमकी मिल सकती है, तो आम जनों की स्थिति इस राज्य में क्या है, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. धनबाद की जेल में गोली मार कर कैदी की हत्या, व्यवसायी को दिनदहाड़े गोली मारा जाना राज्य में ध्वस्त विधि व्यवस्था का प्रतिफल है.
सरकार दे रही अपराधियों को हिम्मत : भानु प्रताप
रांची. विधायक सह भाजपा के वरिष्ठ नेता भानु प्रताप शाही ने कहा कि जेल में बंद लोग प्रधान संपादक को धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को इस प्रकार की हिम्मत हेमंत सरकार दे रही है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सरकार आयेगी, तो एक-एक कर इसका हिसाब लेगी.
जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने सुरक्षा की मांग की
झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक को जेल से धमकी देने की घटना की भर्त्सना की है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक कर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों को अपराधी चरित्र के लोग धमकी देने की हिमाकत कर रहे हैं. राज्य सरकार दोषियों को अविलंब चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई करे. साथ ही मामले का उद्भेन होने तक श्री चतुर्वेदी की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करे. एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरकांत ने कहा कि जल्द ही प्रतिनिधिमंडल डीजीपी से मुलाकात कर कार्रवाई करने का आग्रह करेगा. बैठक में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार कौशलेंद्र, नवल किशोर सिंह, महासचिव सियाराम वर्मा और संजीत कुमार दीपक शामिल थे.
झारखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने निंदा की
झारखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने धमकी की घटना की निंदा की है. श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के कार्यालय सचिव अजय सिंह ने कहा कि इस तरह की घटना राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास है. पत्रकारों को धमकी देना वह भी जेल से, यह गंभीर मामला है, दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
पलामू पत्रकार परिषद के अध्यक्ष नीलकमल मेहरा ने कहा कि पिछले काफी वक्त से पत्रकार इस तरह के मामले अपने ऊपर झेल रहे हैं. खास कर, झारखंड में पत्रकारों के खिलाफ धमकी, एफआइआर के कई मामले सामने आये हैं. सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.
सरकार व शासन कड़ी कार्रवाई करे : शैलेंद्र सिंह
रांची. झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान शैलेंद्र सिंह ने कहा कि प्रभात खबर के प्रधान संपादक को रांची जेल से धमकी भरे कॉल आना साफ दर्शाता है कि अपराधियों को अब किसी का भय नहीं है. इस मामले में सरकार व शासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. अखबार के लोग गंभीर मामलों को, व्यवस्था को ठीक करने के मामलों को आईना के रूप में उठाते हैं. ऐसे में यदि किसी को उनकी बातें गलत या अपने अनुसार नहीं दिखती है, तो वे उन्हें अपना मंतव्य दे सकते हैं, लेकिन यह किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है कि कोई धमकी देकर जान-माल के नुकसान की बात कहे.
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के विरुद्ध साजिश : शुक्ल
रांची. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि अखबार के संपादक को धमकी देना बेहद चिंता की बात है. प्रभात खबर कभी भी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर समाचार नहीं प्रकाशित करता है, लेकिन उसके बाद भी ऐसी हरकत लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने की एक घृणित साजिश है.
मीडिया पर हमला चिंताजनक : माकपा
मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता पर किसी प्रकार का हमला बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. अगर मीडिया से जुड़े लोग ही असुरक्षित होंगे, तो आमजन क्या उम्मीद कर सकता है. मुख्यमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप कर दोषियों को कड़ी सजा दिलवानी चाहिए, यह कानून व्यवस्था पर प्रशासन की पकड़ कमजोर होते जाने का प्रमाण है.
घटना प्रशासनिक विफलता : कमलेश
रांची. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक सह पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह ने कहा है कि लोकतंत्र में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान है. उनका अपना काम है. उनके काम को लेकर किसी तरह की धमकी देना गलत है. किसी भी संस्थान के सबसे ऊंचे पद पर बैठे प्रधान संपादक को जेल से धमकी देना गलत है. यह प्रशासनिक विफलता है. अपनी बात रखने का दूसरा माध्यम भी हो सकता है. सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.
सरकार में मीडिया सुरक्षित नहीं : आइसा
आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार में मीडिया सुरक्षित नहीं है, तो जनता की सुरक्षा कैसे होगी. प्रभात खबर के संपादकों पर जेल के अधिकृत फोन नंबर से धमकी की घटना से यह जाहिर होता है कि अपराधी – जेल प्रशासन सांठगांठ से ऐसी घटनाएं बढ़ रही है.