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प्रभात खबर के प्रधान संपादक को धमकी मामले में विपक्ष सरकार पर हमलावर, झामुमो बोला- कार्रवाई होगी

झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जेल में बंद आरोपी द्वारा प्रभात खबर के प्रधान संपादक को फोन कर धमकी देना आपराधिक कृत्य है. मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है.

रांची : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को जेल से धमकी मिलने की घटना को गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल इस मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए. मैंने तो पहले ही कई बार इस बात को कहा है कि झारखंड का जेल सरकार से संचालित हो रही है. जेल से प्रधान संपादक को फोन कर धमकी देना बड़ा ही गंभीर मामला है. यह जांच का विषय है कि धमकी देनेवाले व्यक्ति तक टेलीफोन कैसे पहुंचा. उन्होंने कहा कि इसका सीधा अर्थ निकलता है कि जेल में बंद अपराधियों का अफसरों व सरकार में बैठे लोगों से पूरी तरह सांठगांठ है. पिछले दिनों धनबाद जेल में क्या हुआ. कैसे वहां हथियार पहुंचा. इन घटनाओं से प्रतीत होता है कि राज्य के मुख्यमंत्री अपराधियों के सामने लाचार व बेबस हैं. नहीं तो कोई भी अपराधी इस प्रकार का दु:साहस नहीं कर सकता है.

मामला सीएम के संज्ञान में, होगी कार्रवाई : मिथिलेश ठाकुर

झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जेल में बंद आरोपी द्वारा प्रभात खबर के प्रधान संपादक को फोन कर धमकी देना आपराधिक कृत्य है. मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है. वह इस मुद्दे पर काफी गंभीर हैं. उन्होंने अधिकारियों को मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. श्री ठाकुर ने कहा कि मीडिया का काम सच दिखाना है. किसी भी मीडिया हाउस को सच दिखाने से रोका नहीं जा सकता है. लोकतंत्र के चौथे प्रहरी को धमकी देना सीधे-सीधे लोकतंत्र पर हमला है. किसी भी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

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सरकार की छवि खराब हुई है, कार्रवाई होनी चाहिए : राजेश ठाकुर

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि प्रभात खबर के प्रधान संपादक को जेल से फोन कर धमकी देने का मामला बेहद ही गंभीर और चिंताजनक है. इससे सरकार की छवि खराब हुई है. सरकार इस मामले में अविलंब संज्ञान ले और कार्रवाई करे. आरोपी जेल के अंदर से फोन से कैसे बात कर रहे हैं. इसको चिह्नित करने की जरूरत है. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर इस तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इस तरह की घटनाओं से लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होगी. सरकार को उच्चस्तरीय जांच करा कर कार्रवाई करने की जरूरत है. एक ओर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विकास और जन कल्याणकारी कार्य किये जा रहे हैं. वहीं कुछ लोगों के कारण सरकार की छवि खराब करने का प्रयास हो रहा है.

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