ExClusive: JMM ने आधी आबादी को दिया सम्मान, अब राज्यसभा में झारखंड की बनूंगी आवाज : महुआ माजी

झारखंड से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुई महुआ माजी ने कहा कि हर क्षेत्र की समस्या से रूबरू हूं. इस कारण हर क्षेत्र के विकास को लेकर राज्यसभा में झारखंड की आवाज बनूंगी. मंगलवार को प्रभात खबर कार्यालय आने पर उनसे खास बातचीत की गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2022 7:37 AM
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Jharkhand News: झारखंड से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित महुआ माजी और आदित्य साहू मंगलवार को प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे. इस मौके पर राज्य के मुद्दे समेत उनके समाधान के बारे में विस्तार से बातचीत की गयी. राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने अपने अनुभव के आधार पर हर क्षेत्र की समस्या के समाधान को लेकर प्रयासरत रहने की बात कही. वहीं, यहां के मुद्दे और जनमानस की भावनाओं को सदन तक पहुंचाने की बात भी कही. राज्यसभा सांसद महुआ माजी से ब्यूरो चीफ आनंद मोहन ने खास बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश.

सवाल : राज्यसभा चुनाव के लिए JMM की ओर से आपको टिकट मिला. क्या आप सोची थी कि पार्टी आपको टिकट देगी.

जवाब : मैंने कभी सोचा नहीं था. पार्टी ने मुझे सरप्राइज दिया है. मैं तो रांची विधानसभा क्षेत्र में ही काम कर रही थी. महिला मोर्चा के अध्यक्ष होने के नाते पार्टी की ओर से एक कार्यकर्ता और आधी आबादी को सम्मान मिला है. पार्टी ने पहली बार किसी महिला को राज्यसभा भेजा है.

सवाल : पिछली अनुभवों को जानें तो राज्यसभा चुनाव पहले काफी खर्चीला हुआ करता था. इस चुनाव में कितना खर्च हुआ.

जवाब : नहीं, नहीं. एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ. पार्टी ने मुझपर विश्वास जताया. यही सबसे बड़ा खर्च है. इसके अलावा इस चुनाव में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ.

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सवाल : राज्यसभा चुनाव में वर्ष 2014 के आठ साल बाद निर्विरोध निर्वाचित होने के साथ ही झारखंड में नयी राजनीति की शुरुआत हुई. ऐसी स्थिति में झारखंड के लोगों के लिए आप किस तरह खरा उतर पाएंगी.

जवाब : देखिए, मुझे झारखंड का व्यापक अनुभव है. मैं यहां की खतियानी हूं. बचपन से पली-बढ़ी हूं. झारखंड राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में काम करने का अनुभव है मुझमें. इस नाते राज्य के हर एक जगह से वाकिफ हूं. इतने सालों में सभी जगह जाने का अवसर मिला, महिला समेत अन्य लोगों की समस्या को नजदीक से देखा हूं. लेखिका और समाजशास्त्री भी हूं. विधानसभा चुनाव के दौरान रांची के सभी जगह गयी. वहां की समस्या को सुना. इस लिहाज से इसका अनुभव और वुमैन कमीशन के प्लेटफार्म के माध्यम से देशभर में जिन समस्याओं को जानने का मौका मिला, उसके समाधान का भरसक प्रयास होगा. इसके अलावा ट्रैफिकिंग, डायन हत्या, घरेलू हिंसा, रोजगार का अभाव समेत अन्य राज्यों की समस्या से झारखंड की तुलना कर सकते हैं. सरगोसी एक बड़ी समस्या है जैसे गुजरात और मुंबई में कई फर्टीलिटी क्लिनिक खुले हैं, जहां गरीबी महिलाएं किस तरह अपनी कोख में दूसरे के बच्चे को रखते हैं आदि महिलाओं संबंधित अन्य कई समस्याओं को मैंने काफी बारिकी से देखा है.

सवाल : झारखंड के लिए ऐसा कौन-सा मुद्दा होगा, जिसे राज्यसभा में रखेंगी और समाधान होने तक उसे नहीं छोड़ेंगी.

जवाब : देखिए, मेरे पास बहुत सारे मुद्दे हैं. इसका लिस्ट बनाकर रखे हैं. मेरे लिए हर क्षेत्र की समस्या ही पहली प्राथमिकता है. इसके बावजूद समय आने पर एक-एक समस्या के समाधान को लेकर प्रयासरत रहूंगी.

Posted By: Samir Ranjan.

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