Explainer: झारखंड में 74% हो चुकी बारिश, जानें जिलावार स्थिति

झारखंड में अब तक 74 फीसदी बारिश हुई है. वहीं, सात जिलों में सामान्य से करीब 81 फीसदी बारिश हुई है. इसके अलावा 13 जिलों में 20 से 50 फीसदी तक कम बारिश हुई है. संताल परगना के चार जिलों की स्थिति बहुत ही खराब है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2022 4:18 PM
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Jharkhand Weather News: झारखंड में पिछले एक सप्ताह में अच्छी बारिश हुई है. वहीं, पिछले तीन दिनों की बारिश से संताल परगना को छोड़ अन्य जिलों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. राज्य में अब तक 74 प्रतिशत बारिश हो चुकी है. सात जिलों में बारिश सामान्य के करीब (करीब 81 फीसदी) हो चुकी है. वहीं, 13 जिलों में 20 से 50 फीसदी तक कम बारिश हुई है. संताल परगना के चार जिलों की स्थिति बहुत ही खराब है. इन जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है.

खतरे के निशान से ऊपर बही थी स्वर्णरेखा नदी

तीन दिनों की बारिश से कोल्हान की नदियां और जलाशय उफान पर था. जलस्तर सामान्य से अधिक रहा. जमशेदपुर स्थित स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी. हालांकि, अब नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है. 20 अगस्त को स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर मानगो पुल के पास 124.74 मीटर रिकॉर्ड किया गया था, जबकि डेंजर लेवल 121.50 मीटर है. वहीं, आदित्यपुर ब्रिज के पास खरकई नदी डेंजर लेवल से करीब 7.40 मीटर ऊपर बहने लगी थी. इसका डेंजर लेवल 129 मीटर है.

चाईबासा-जमशेदपुर में सामान्य से अधिक बारिश

जमशेदपुर और चाईबासा में एक जून से अब तक सामान्य से अधिक बारिश हुई. पूर्वी सिंहभूम (जमेशदपुर) में अब तक सामान्य से 14 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. यहां अब तक 884 मिमी बारिश हो गयी है. वहीं, चाईबासा में 823 मिमी बारिश हो गयी है. यह सामान्य से करीब 13 प्रतिशत अधिक है. वहीं, सरायकेला में 670 मिमी (-7 प्रतिशत), खूंटी में 753 (-4 प्रतिशत), रांची में 682 (-8 प्रतिशत), रामगढ़ में 651 (-15 प्रतिशत) तथा बोकारो में 537 मिमी (-17 प्रतिशत) बारिश हुई है. पूरे राज्य में 721 मिमी बारिश जून से अब तक होनी चाहिए थी, जिसमें 532.3 मिमी बारिश हो गयी है. यह सामान्य से करीब 26 फीसदी कम है.

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धान के लिए बारिश अच्छी

बीएयू के पूर्व निदेशक (अनुसंधान) डॉ ए बदूद ने बताया कि निचली जमीन पर लगी धान की फसल के लिए बारिश अच्छी है. जो धान देर से लगाया गया है, तो वह अगर डूबा नहीं है, तो फायदा करेगा. वहीं, दलहन और मक्का के लिए यह बारिश नुकसान है. अगर खेत में पानी जम गया है और 24 घंटे के अंदर नहीं निकला, तो फसल पीला पड़ने लगेगा.

जानें जिलावार बारिश की स्थिति (मिलीमीटर में)

जिला : बारिश हुई : सामान्य
बोकारो : 537.3 : 644.1
चतरा : 330.8 : 664.9
देवघर : 322.3 : 676.3
धनबाद : 474.9 : 734.2
दुमका : 377.6 : 715.9
पूर्वी सिंहभूम : 884.9 : 776.5
गढ़वा : 317.8 : 652.8
गिरिडीह : 416.1 : 675.7
गोड्डा : 199.7 : 618.9
गुमला : 571.6 : 759.2
हजारीबाग : 478.2 : 738.6
जामताड़ा : 283.3 : 753
खूंटी : 753.3 : 781.3
कोडरमा : 413.8 : 611.5
लातेहार : 469.2 : 735.6
लोहरदगा : 455 : 712.2
पाकुड़ : 233.8 : 808
पलामू : 317.8 : 590.3
रामगढ़ : 615.1 : 725.1
रांची : 682.9 : 739.1
साहेबगंज : 263.5 : 804
खरसावां : 670.7 : 718.8
सिमडेगा : 823.2 : 934.6
पश्चिमी सिंहभूम : 823.2 : 727.8

राजधानी रांची के तीनों डैम लबालब, बिना राशनिंग होे सकेगी जलापूर्ति

राजधानी रांची में लगातार तीन दिनों की बारिश ने डैमों का जलस्तर बढ़ा दिया है. विभागीय इंजीनियर्स के मुताबिक, डैमों में अब पर्याप्त पानी हो गया है. ऐसे में अगले एक साल तक बिना राशनिंग के शहर की 10 लाख आबादी को जलापूर्ति की जा सकती है. एक ओर जहां कांके डैम खतरे के निशान पर पहुंच गया है, वहीं दूसरी तरफ रुक्का एवं हटिया डैम में खतरे के निशान से लगभग पांच फीट पानी कम है. कांके डैम का अधिकतम जलस्तर 28 फीट पहुंचने के बाद डैम का फाटक खुलने से रुक्का डैम के जलस्तर में भी अचानक वृद्धि हुई है, क्योंकि इसका पानी जोरार और स्वर्णरेखा नदी होते हुए रुक्का डैम में पहुंचता है. रुक्का डैम का जलस्तर बढ़कर 31 फीट पर पहुंच गया है. इसकी अधिकतम क्षमता 36 फीट है. हटिया डैम का जलस्तर बढ़ कर 33 फीट हो गया है. यहां का अधिकतम जलस्तर 38 फीट है. हटिया डैम का जलस्तर 33 फीट पर पहुंच गया है. इसके बाद पेयजल और जलसंसाधन विभाग अलर्ट मोड पर है. जल संसाधन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आलोक भारती ने बताया कि हटिया डैम के फाटक की मरम्मत के लिए सारा सामान आ गया है. जल्द ही इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो जायेगा.

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रिपोर्ट : मनोज सिंह, रांची.

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