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बिरसा हरित ग्राम योजना : झारखंड के किसानों की बदल रही जिंदगी, जानें कैसे उठाएं लाभ

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी बिरसा हरित ग्राम योजना से राज्य के किसानों समेत बुजुर्ग और विधवा महिलाओं को सशक्त करने की कोशिश की जा रही है. अपनी जमीन पर फलदार वृक्ष लगाने पर उन्हें पौधों का पट्टा भी मिलेगा, वहीं प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी प्राप्त होगी.

Jharkhand News: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी बिरसा हरित ग्राम योजना से राज्य के किसान भाई-बहन बखूबी लाभ उठा रहे हैं. इस योजना के तहत फलदार वृक्ष लगाने एवं उसकी देखभाल करने संबंधी रोजगार राज्य के किसानों को मिलेगा. वहीं, प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की निश्चित वार्षिक आमदनी होगी. इस योजना से राज्य में पांच करोड़ पौधों का रोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस योजना की शुरुआत किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से किया गया है. इसमें मनरेगा योजना को भी जोड़ा गया है.

फलदार पौधों को लगाने का लक्ष्य

वर्ष 2020 में शुरू हुई इस योजना के तहत आम, अमरूद, नींबू के साथ मिश्रित फल की बागवानी की जाती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 387 एकड़ भूमि में बागवानी की गयी है. फलदार पौधों के साथ-साथ अपने खेतों में अनाज और सब्जी को भी उपजाने पर जोर दिया गया है, ताकि पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी और पौष्टिक तत्व मिल सके.

बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभ

इस योजना के तहत किसान भाई-बहनों के अलावा बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. बुजुर्ग और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता देने का उद्देश्य उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सके. इस योजना के जरिए राज्य सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर रही है. इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी. अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग मिलेगा. उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें. पौधारोपण के करीब तीन साल बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी प्राप्त होगी.

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मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का होगा सृजन

साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण एवं उसके बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. इस योजना के तहत पूरे राज्य में पांच करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन होगा.

बिरसा हरित ग्राम योजना की मुख्य विशेषताएं

– पांच लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा
– राज्य भर में पांच करोड़ पौधों का रोपण
– अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए भी सहयोग
– प्रखंड एवं जिला स्तर पर प्रसंस्करण इकाई की स्थापना
– उत्पाद को सुगम रूप से बाजार उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था
– प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की निश्चित वार्षिक आमदनी
– मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन

कैसे मिलेगा लाभ

इस योजना के तहत कम से कम आधा एकड़ और अधिक से अधिक डेढ़ एकड़ वाले एक लाभुक को इसका लाभ दिया जाएगा. समूह में लेने वाले को पांच एकड़ भूमि तक में बागवानी करने का लाभ दिया जाता है. वहीं, आम का पौधा लगाने के लिए 15 से 30 फीट की आपस में दूरी होनी चाहिए. आम्रपाली के लिए 15 फीट, मालदा लंगड़ा आम के लिए 30 फीट की दूरी दोनों पेड़ के बीच होनी चाहिए. सबसे कम आधा एकड़ वाले भूमि में आम का पौधा 3 से 5 फिट की दूरी पर लगाने से बेहतर पैदावार मिलेगी.

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Posted By: Samir Ranjan.

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