प्रभात खबर का असर, रांची में युवा किसान की आत्महत्या मामले में मृतक के घर पहुंचे कृषि पदाधिकारी ने की जांच
जांच के क्रम में पता चला कि अविनाश कुमार चौधरी लगभग 15 एकड़ की निजी भूमि पर टपक सिंचाई के माध्यम से खेती करते आ रहे थे. टपक सिंचाई योजना का लाभ उन्हें 90% अनुदान पर कृषि विभाग द्वारा दिया गया था
प्रभात खबर में छपी समाचार का एक बार फिर असर देखने को मिला है. दरअसल प्रभात खबर ने 8 अप्रैल दिन शनिवार के अंक में तरबूज की खेती में ”10 लाख रुपये डूबे, युवा किसान ने स्टोर रूम में लगायी फांसी” नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया. इसके आलोक में कृषि मंत्री, विभाग के सचिव, रांची जिला उपायुक्त ने संज्ञान लिया. जिला कृषि पदाधिकारी ने खुद मृतक के घर जाकर वस्तुस्थिति की जांच की.
जिसमें कई बातें सामने आयी. जांच के क्रम में पता चला कि अविनाश कुमार चौधरी लगभग 15 एकड़ की निजी भूमि पर टपक सिंचाई के माध्यम से खेती करते आ रहे थे. टपक सिंचाई योजना का लाभ उन्हें 90% अनुदान पर कृषि विभाग द्वारा दिया गया था. वर्तमान में वो तरबूज की खेती कर रहा था, जिसमें उन्हें भारी नुकसान हुआ. जांच में ये भी पता चला कि युवा किसान ने केनरा बैंक ओरमांझी से 50,000 रुपये कर्ज लिया था और हाल ही में उसका लिमिट बढ़ाकर 1,25,000 रुपये कराया गया था.
कृषि विभाग द्वारा बाद में खेती की जगह का भी निरीक्षण किया गया. इसमें तरबूज फसल की स्थिति अच्छी नहीं थी. हालांकि तरबूज की खेती करने के बाद उन्होंने कोहड़े की फसल लगायी थी. निरीक्षण के क्रम में कृषक के दरवाजे पर ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, टेलर आदि पाये गये. परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले ट्रैक्टर लिया था.
क्या कहा परिवार के सदस्यों ने
परिवार के सदस्यों की मानें तो दिन शुक्रवार को अविनाश कुमार चौधरी अपने खेत में वहां के स्थानीय मजदूर के माध्यम से कृषि कार्य करा रहे थे, सबकुछ सामान्य था. परिवार के लोगों ने बताया कि किस परस्थिति में उन्होंने आत्महत्या क्यों की ये समझ से परे हैं. हालांकि तरबूज की खेती में नुकसान होने पर वह परेशान जरूर था. विभाग की मानें तो आत्महत्या की वजह वस्तृत जांच का विषय है. प्रशासन की ओर से मृतक अविनाश के परिजनों को आकस्मिकता कोष योजना से सहायता उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया गया है