प्रभात खबर के पत्रकारों को मिला लाडली मीडिया अवॉर्ड-2020
प्रभात खबर से जुड़े चार पत्रकारों को देश के प्रतिष्ठित लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसटिविटी, 2020 दिया गया.
रांची : प्रभात खबर से जुड़े चार पत्रकारों को देश के प्रतिष्ठित लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसटिविटी, 2020 प्रदान किया गया है. पॉपुलेशन फर्स्ट और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन आयोजित सम्मान समारोह में देशभर के पत्रकारों को दिये जाने वाले इस सम्मान की घोषणा की गयी.
वर्चुअल रूप से आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा और विशिष्ट अतिथि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की भारतीय प्रतिनिधि अर्जेंटीना मटेवेल पिकीन मौजूद रहीं. उन्होंने अपने संदेश में समाज को बेहतर बनाने में पत्रकारों की भूमिका की प्रशंसा की.
साथ ही कहा कि जबतक लैंगिक समानता नहीं आएगी, तबतक समाज बेहतर नहीं हो सकेगा. उन्होंने मीडिया के विभिन्न माध्यमों को इस दिशा में लगातार काम करने की आवश्यकता बतायी.
प्रभात खबर हमेशा पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार से जुड़ा रहा है और समाज की बेहतरी के लिए पत्रकारिता की है. देश-समाज ने इसे विभिन्न अवसरों पर रेखांकित भी किया है. प्रभात खबर से नियमित और स्वतंत्र रूप से जुड़े एक साथ चार पत्रकारों का इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चयन इसी की कड़ी है.
पूजा सिंह
प्रभात खबर की वरीय संवाददाता पूजा सिंह को लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवार्ड्स फ़ॉर जेंडर सेंसिटिविटी 2020 अवॉर्ड के लिए चयनित किया गया है. 28 मई, 2019 को प्रभात खबर के लाइफ@रांची पेज पर प्रकाशित उनकी स्टोरी ‘ये दाग जरूरी है’ के लिए उन्हें यह अवॉर्ड मिला है.
रविशंकर उपाध्याय
प्रभात खबर में रविशंकर ने 16 अप्रैल, 2019 को बिहार के ट्रांसजेंडर समुदाय की प्रतिभावान शख्सियतों की सक्सेस स्टोरी पर आधारित फीचर ‘बिहार के ट्रांसजेंडरों ने काबिलियत से बनायी पहचान’ लिखी थी. जिसे प्रिंट जर्नलिज्म की फीचर कैटेगरी में सम्मानित किया गया.
सौम्या ज्योत्स्ना
मुजफ्फरपुर की सौम्या ज्योत्स्ना को 13 अक्तूबर, 2019 को प्रभात खबर की साप्ताहिक पत्रिका सुरभि में प्रकाशित लेख ‘इज्जत और मर्दानगी के सही मायने’ के लिए यह अवॉर्ड मिला है. इसके अलावा ‘यूथ की आवाज डॉट कॉम’ के लिए भी उन्हें पुरस्कृत किया गया है.
गुरुस्वरूप मिश्रा
प्रभात खबर के पत्रकार गुरुस्वरूप मिश्रा की 16-31 मार्च, 2018 के अंक में मानव तस्करी पर एक स्टोरी प्रकाशित हुई थी, जिसका शीर्षक था-ऐसे खत्म हो सकता है मानव तस्करी के काले धंधे का खेल. प्रिंट कैटेगरी में इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी के लिए उन्हें यह अवॉर्ड मिला.
posted by : sameer oraon