Prabhat Khabar Special: झारखंड में 21 हजार गरीबों तक सिमट कर रह गयी पेट्रोल सब्सिडी योजना, जानें कारण

झारखंड में पेट्रोल सब्सिडी योजना की रफ्तार धीमी पड़ गयी है. जनवरी में शुरू हुई इस योजना में पहली बार एक लाख से अधिक लाभुकों ने लाभ लिया था, लेकिन अब 21 हजार गरीबों तक ही यह सिमट कर रह गयी. मालूम हो कि इस योजना के तहत लाभुकों को 250 रुपये प्रति माह की दर से राशि उपलब्ध करायी जा रही है.

By Samir Ranjan | October 10, 2022 4:43 PM

Prabhat Khabar Special: झारखंड सरकार की ओर से शुरू की गयी पेट्रोल सब्सिडी योजना (Petrol Subsidy Scheme in Jharkhand) 21 हजार गरीबों तक सिमट कर रह गयी है. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकार ने जनवरी में राशन कार्डधारियों को पेट्रोल पर 25 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी देने की योजना शुरू की थी. इसके बावजूद लगातार सब्सिडी लेनेवालों की संख्या घटती जा रही है. नौ माह में इस योजना से लगभग 90 हजार गरीब बाहर हो गये हैं.

जनवरी में शुरू हुई थी योजना

जनवरी में जब योजना की शुरुआत की गयी थी, तब 1,15,356 लोगों ने इसका लाभ लिया था. सितंबर माह में इनकी संख्या घट कर 21,273 हो गयी है. राज्य में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब है. इसके बावजूद राशन कार्डधारी इस योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं. फरवरी माह में इस योजना को लेकर 73,493 लोगों ने आवेदन किया था. इसमें से 55,223 आवेदन स्वीकृत हुए. वहीं, 11,899 ने री-रजिस्ट्रेशन कराया. इसके बाद से लगातार लाभुकों की संख्या कम होती गयी. लाभुकों की संख्या बढ़ाने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से री-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया, लेकिन इसका भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है.

61.25 करोड़ रुपये का प्रावधान

खाद्य आपूर्ति विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में योजना के लिए 61.25 करोड़ रुपये का प्रा‌वधान किया है. इसके माध्यम से 250 रुपये प्रति माह की दर से राशि उपलब्ध करायी जा रही है.

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कितने लाभुक ले रहे योजना का लाभ

माह : आवेदन आये : स्वीकृत : री-रजिस्ट्रेशन
जनवरी : 1,45,197 : 1,15,356  : —
फरवरी : 73,493 : 55,223 : 11,879
मार्च : 14,754 : 10,198 : 13,507
अप्रैल : 10,098 : 6,295 : 25,092
मई : 4,191 : 1,897 : 18,452
जून : 3,380 : 1,504 : 13,930
जुलाई : 4,174 : 1,989 : 18,947
अगस्त : 4,102 : 2,069 : 22,449
सितंबर : 4,010 : 1,139 : 21,273

ग्रामीणों में इस योजना को लेकर हैं भ्रम

ग्रामीणों में इस योजना को लेकर भ्रम है कि अगर वे पेट्रोल सब्सिडी योजना का लाभ लेंगे, तो वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बाहर हो जायेंगे. हालांकि, विभाग की ओर से कैंपेन चला कर इस भ्रम को दूर करने का प्रयास किया गया. इसको लेकर जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को निर्देश भी दिया गया है कि वह अपने माध्यम से लाभुकों को जागरूक करें. 

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