Year Ender 2023: झारखंड में आवास मिला नहीं, पेसा की प्रक्रिया में बीत गया साल
झारखंड सरकार इस एक भी ग्रामीणों को आवास नहीं दे पाई है. पेसा की प्रक्रिया में ही पूरा साल बीत गया. ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग का हाल यह है कि मनरेगा में कर्मियों और मजदूरों का बकाया भी नहीं दिया जा सका है.
रांची, मनोज लाल : ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज विभाग का साल क्रमश: गरीब ग्रामीणों को आवास देने और पेसा कानून लागू करने की प्रक्रिया पूरी करने में ही निकल गया. अब तक एक भी गरीब ग्रामीण को आवास राज्य सरकार की ओर से नहीं दिया जा सका है. अभी इसके चयन की ही प्रक्रिया चल रही है. वहीं भारत सरकार से इस साल एक भी प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास स्वीकृत नहीं हो सकी है. मनरेगा से मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे हैं, लेकिन रोजगार उपलब्ध कराने की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, क्योंकि साल भर ग्रामीण विकास विभाग कोष के अभाव में रहा. केंद्र से राशि मिलने के बाद मजदूरों के बकाया मजदूरी का ही भुगतान हो रहा है. अभी भी बकाया रह गया है. वहीं मनरेगाकर्मियों का भी बकाया नहीं दिया जा सका है. बिरसा हरित ग्राम योजना से पौधारोपण किया गया. दीदी बाड़ी योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बगिया योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना पर कार्य हुए, लेकिन कुल मिला कर भारत सरकार पर निर्भर योजनाओं में विभाग राशि का अभाव झेलता रहा. कई प्रखंडों में प्रखंड सह अंचल कार्यालय और आवासीय भवनों का निर्माण कराया गया. जल छाजन विकास कार्यक्रम में 100 करोड़ का बजट है, जिस पर काम हो रहा है. पलाश मार्ट की संख्या में बढ़ोतरी पर काम हो रहा है. अब भी हो रही है पंचायतों को पूर्ण अधिकार देने की मांग
त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थानों को 14 विभागों के 29 विषयों के अधिकार दिये जाने हैं, लेकिन अभी भी पूर्ण अधिकार देने की मांग उठ रही है. पूर्ण अधिकार प्राप्त नहीं हुआ है. पेसा कानून लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार हुआ, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ सका है. अब जाकर पंचायतों को डिजिटल करने सहित अन्य विषयों पर फैसले हुए हैं. वहीं 15वें वित्त आयोग से भी राशि प्राप्त हुई है, जिससे पंचायतों में काम शुरू हुआ है.
पहली बार चौड़ी और बेहतर क्वालिटी की सड़कें गांवों में
राज्य गठन के बाद पहली बार झारखंड के गांवों में चौड़ी और बेहतर क्वालिटी (हाइ स्पेसिफिकेशन) की सड़कें बनायी जा रही है. पहले ग्रामीण सड़कें पतली और नॉर्मल स्पेसिफिकेशन की बन रही थी, लेकिन इस बार बेहतर सड़कें बनायी जा रही है. ग्रामीण कार्य विभाग ने इस बार सड़क योजनाओं में 1000 करोड़ और पुल योजनाओं में 585 करोड़ का प्रावधान किया था. लगभग सारी राशि का आवंटन हो गया है. 80 प्रतिशत से ज्यादा योजनाओं की स्वीकृति हो गयी है. अधिकतर का टेंडर होकर काम शुरू हो गया है.
पीएमजीएसवाइ से 428 किमी सड़क बनी
वहीं इस साल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से करीब 428 किमी सड़क का निर्माण कराया गया है. इस साल 3000 किमी सड़क और 135 पुलों की स्वीकृति झारखंड के लिए केंद्र से मिली है. यानी 325 नयी सड़कें बनेंगी. इन सारी योजनाओं का टेंडर निबटारा करके काम शुरू करा दिया गया है.