प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: झारखंड में नयी तकनीक से बनेंगी 1030 किमी ग्रामीण सड़कें, होंगी टिकाऊ
झारखंड के इंजीनियरों को बताया गया है कि इस सिस्टम से सड़कों के निर्माण का प्रदर्शन बेहतर रहा है. सड़कें मजबूत और टिकाऊ बन रही है. सड़कों के निर्माण के दौरान इसकी जांच कैसे हो, इसकी गुणवत्ता मापने के क्या तरीके हों, इससे भी इंजीनियरों को अवगत कराया गया है.
रांची: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से इस बार 1030 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें नयी तकनीकी से बनेंगी. इसे फुल डेप्थ रेक्लिमेशन (एफडीआर) के तहत मेटेरियल के फिर से इस्तेमाल करके बनाया जायेगा. ऐसे में मौजूदा सड़क से उसका मेटेरियल निकाल कर उसे नयी सड़क के निर्माण पर लगाया जायेगा. इससे चिप्स आदि खरीदने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सड़क पर लगे चिप्स का ही इस्तेमाल कर लिया जायेगा.
इस तरह चिप्स और पत्थर के लिए पहाड़ नहीं तोड़े जायेंगे. ऐसे में पर्यावरण के लिए यह अच्छा होगा. इस पद्धति पर झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी आगे बढ़ गया है. हाल ही में सारे इंजीनियरों और ठेकेदारों को इसकी ट्रेनिंग दी गयी है. अब जाकर इसे लागू करने के लिए सारे प्रमंडलों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
भारत सरकार ने भी इसके अनुपालन पर विशेष जोर देने को कहा है. राज्य के इंजीनियरों को बताया गया है कि इस सिस्टम से सड़कों के निर्माण का प्रदर्शन बेहतर रहा है. सड़कें मजबूत और टिकाऊ बन रही है. सड़कों के निर्माण के दौरान इसकी जांच कैसे हो, इसकी गुणवत्ता मापने के क्या तरीके हों, इससे भी इंजीनियरों को अवगत कराया गया है.