Pradhan Mantri TB Mukt Bharat Abhiyan: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची के आड्रे हाउस सभागार में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी को 2025 तक समाप्त करने का संकल्प लिया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है, जिसमें वे भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि झारखंड 2025 से पहले ही टीबी मुक्त प्रदेश होगा, तो स्वास्थ्य जगत के लिए बेहतर होगा. उन्होंने टीबी उन्मूलन के लिए विभिन्न क्षेत्रों में, विभिन्न स्तरों पर अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि टीबी रोगियों को चिन्हित किया जा सके.
टीबी मरीज बिना परामर्श बंद नहीं करें दवा
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि समाज से टीबी उन्मूलन बड़ी बात नहीं है. इसके लिए जरूरत है प्रतिबद्धता की. लोगों को जागरूक करने की और रोगियों को नियमित रूप से दवा लेने की. एक समय था जब टीबी से ग्रसित लोगों को बस्ती से लोग बाहर कर देते थे, लेकिन यह रोग घर में रहकर ही थोड़ा ध्यान देते हुए ठीक किया जा सकता है. आज हमारा मेडिकल साइंस इतना विकसित है कि इस रोग पर पूर्ण नियंत्रण चिकित्सकों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि टीबी बच्चे, नौजवान, महिला, पुरुष, वृद्ध किसी को भी हो सकता है. रोगी घबरायें नहीं, उसका इलाज करायें. नियमित रूप से दवा लें, जब तक चिकित्सक न कहें, तब तक यह दवा लेते रहें. किसी भी परिस्थिति में स्वस्थ होने से पूर्व व चिकित्सक के परामर्श के बिना दवा का सेवन बंद नहीं करें.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की ये अपील
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. प्रयास है कि इससे पूर्व ही झारखंड लक्ष्य की प्राप्ति कर लेगा. उन्होंने टीबी के उपचार के लिए दवा के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए खानपान पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन की दिशा में प्रयास किया जा रहा है.
टीबी उन्मूलन के लिए जनजागृति पर विशेष ध्यान
लोकसभा सांसद संजय सेठ ने कहा कि वे भी कांके में 146 टीबी मरीजों के पोषक बने हैं और उनके बीच जा रहे हैं. उन्होंने टीबी उन्मूलन के लिए जनजागृति पर विशेष ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि 3 वर्षों में टीबी को देश से समाप्त करने का लक्ष्य होना चाहिए. उन्होंने टीबी के मरीजों से मास्क लगाने, अपना बर्तन व कपड़ा स्वयं धोने का आग्रह किया.
टीबी के खिलाफ सार्थक अभियान
राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी ने कहा कि देश में ऐसा भी एक समय था, जब टीबी को अत्यंत भयावह मानते थे. लोग संक्रमित व्यक्ति को अलग-थलग रखते थे. उन्होंने कहा कि अपेक्षित पोषण सुलभ नहीं होने के कारण बहुत लोग ठीक नहीं हो पाते थे, ऐसे में यह अभियान बहुत सार्थक है. उन्होंने टीबी मरीजों के सहायता की भी बात कही.
टीबी रोगियों को चिन्हित कर किया जा रहा उपचार
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में टीबी रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार किया जा रहा है. निःशुल्क दवा के साथ जागरूकता पर भी बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मी सहित बहुत से लोग निक्षय मित्र बने हैं. प्रबुद्ध व समाजसेवियों के अपेक्षित सहयोग से झारखंड देश का पहला टीबी मुक्त राज्य बन सकता है.