झारखंड : प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की राजभवन में समीक्षा कर क्या बोले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ?
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि अतिरिक्त पोषाहार, स्वच्छता आदि के क्षेत्र में ध्यान देकर एवं लोगों को जागरूक कर टीबी का उन्मूलन लक्ष्य के पूर्व किया जा सकता है. उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि टीम भावना से योजना का क्रियान्वन इस प्रकार प्रभावी रूप से करें कि झारखंड सबसे पहले टीबी मुक्त राज्य बने.
रांची : झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आज शुक्रवार को राजभवन में ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य हो, सिर्फ औपचारिकता तक सीमित न रहें. समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें. उन्होंने टीबी उन्मूलन की दिशा में सीएसआर के तहत सक्रियता से कार्य करने पर बल दिया. इसके साथ ही कहा कि टीबी के मरीजों के उपचार के बाद उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किया जाये.
सबसे पहले टीबी मुक्त बने झारखंड
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि अतिरिक्त पोषाहार, स्वच्छता आदि के क्षेत्र में ध्यान देकर एवं लोगों को जागरूक कर टीबी का उन्मूलन निर्धारित लक्ष्य के पूर्व किया जा सकता है. उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों से कहा कि टीम भावना से योजना का क्रियान्वन इस प्रकार प्रभावी रूप से करें कि झारखंड सबसे पहले टीबी मुक्त राज्य बने. राज्यपाल ने कहा कि वे चाहते हैं कि झारखंड राज्य हर क्षेत्र में अग्रणी बने.
30 हजार से अधिक हैं टीबी रोगी
राज्यपाल द्वारा इस अवसर पर क्यूआर कोड अंकित ‘नि-क्षय मित्र’ बैज का विमोचन किया गया. यह अन्य को भी नि-क्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित करेगा. बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य में लगभग 1800 नि-क्षय मित्र हैं और 30 हजार से अधिक टीबी रोगी हैं. इस बार विश्व टीबी दिवस की थीम है- Yes! We Can End TB. इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी, डॉ डी धर्मा राव, राष्ट्रीय परामर्शी, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान डॉ आदित्य सूद, सीईओ विहारा इनोवेशन नेटवर्क, दिल्ली, विवेक सरकार, टाटा स्टील फाउंडेशन, डॉ अनुज भटनागर, डॉ रंजीत प्रसाद समेत अन्य उपस्थित थे.