प्रकाश पर्व को लेकर रांची में निकाली जाएगी प्रभात फेरी, 13 जनवरी को होगा समापन
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन 17 जनवरी बुधवार को रात 8:00 बजे से मध्य रात्रि 1.30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा.
रांची : प्रकाश पर्व को लेकर गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा शुक्रवार 5 जनवरी से रांची में सुबह प्रभातफेरी निकाली जाएगी. जो रोजाना सुबह 6:00 बजे गुरुद्वारा साहब से निकलकर रांची के कृष्णा नगर कॉलोनी की विभिन्न गलियों का भ्रमण कर वापस गुरुद्वारा साहब पहुंचकर विसर्जित होगी. जिसमें श्रद्धालु शब्द गायन कर कॉलोनी की गलियों का भ्रमण करेंगे. इसका समापन 13 जनवरी को होगा.
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन 17 जनवरी बुधवार को रात 8:00 बजे से मध्य रात्रि 1:30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा. इससे पहले 15 जनवरी को श्री कृष्णा नगर कॉलोनी, गुरुद्वारा साहिब में प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में श्री अखंड पाठ साहिब जी की शुरुआत होगी. जिसका भोग 17 जनवरी, बुधवार को प्रकाश पर्व की रात 12:00 बजे होगा.
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने जानकारी दी कि पटना साहिब में प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए सत्संग सभा के श्रद्धालुओं का पहला जत्था इंदर मिढ़ा और रमेश पपनेजा के नेतृत्व में 14 जनवरी की शाम एवं दूसरा जत्था अगले दिन 15 जनवरी की शाम आशु मिढ़ा एवं नवीन मिढ़ा के नेतृत्व में हटिया पटना एक्सप्रेस से रवाना होगा. यह जत्था पटना के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित सभी कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद 19 जनवरी की सुबह रांची वापस लौटेगा.
हर वर्ष लगभग चार सौ श्रद्धालु पटना साहिब में प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए जाते हैं और इस बार भी श्रद्धालुओं के पटना साहिब से लौटने के बाद ही सत्संग सभा द्वारा प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में विशेष दीवान सजाया जाएगा. इस उपलक्ष्य में तीन विशेष दीवान सजाए जाएंगे. पहला दीवान 20 जनवरी, शनिवार को सुबह 8:00 से 9:00 बजे तक सजाया जाएगा. दूसरा दीवान रात 8:00 से 11:30 बजे तक सजेगा एवं तीसरा दीवान 21 जनवरी, रविवार को सुबह 11:30 बजे से लेकर दोपहर 2.30 बजे तक सजाया जाएगा. इन सभी दीवानों में सिख पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्था भाई प्यारा सिंह जी, दिल्ली वाले शबद गायन कर साध संगत को निहाल करेंगे. सभी दीवानों की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर चलाया जाएगा.