20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Pravasi Bharatiya Diwas: विदेशी धरती पर झारखंड की माटी के लाल

आज प्रवासी भारतीय दिवस है. प्रवासी भारतीयों के सम्मान का दिन. इस खास अवसर पर हम झारखंड के भी कई परिवारों की कहानी बयां कर रहे हैं, जो विदेशी धरती पर अपनी पहचान बना रहे हैं. पढ़िए पूजा सिंह की रिपोर्ट.

Jharkhand News: अंग्रेजी राज में भारत के काफी लोग गिरमिटिया मजदूर के रूप में मॉरीशस गये. गुलामी वाली जिंदगी जीने को विवश हुए़ लेकिन आज मॉरीशस की पूरी तस्वीर बदल गयी है. वहां की कुल आबादी में करीब दो तिहाई लोग इन्हीं भारतवंशियों के वंशज हैं. यह कहानी सिर्फ माॅरीशस की नहीं है. आज दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में भारतीय रह रहे हैं. राजनीति और अर्थव्यवस्था की बागडोर संभाल रहे हैं. वर्तमान में दुनिया की टॉप कंपनियों के सीइओ भारतीय मूल के हैं. गूगल में सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट में सत्या नडेला, चैनल में लीना नायर और एडोबी में शांतनु नारायण उदाहरण हैं. आधुनिक सिंगापुर को गढ़ने में भारतीयों का काफी अहम योगदान रहा है. तमिल सिंगापुर की आधिकारिक भाषा बन चुकी है. आज हम ये बातें इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज प्रवासी भारतीय दिवस है. प्रवासी भारतीयों के सम्मान का दिन. इस खास अवसर पर हम झारखंड के भी कई परिवारों की कहानी बयां कर रहे हैं, जो विदेशी धरती पर अपनी पहचान बना रहे हैं. पढ़िए पूजा सिंह की रिपोर्ट.

ब्रिटेन की धरती पर रहकर भी भारतीय जीवन शैली से जुड़ी हैं जूही प्रिया

कांके रोड की जूही प्रिया पति राकेश कुमार के साथ इंग्लैंड में रहती हैं. जूही की प्रारंभिक शिक्षा रांची स्थित संत मेरी स्कूल, डीपीएस और डीएवी गांधीनगर से हुई है. वहीं आगे की पढ़ाई एसआरएम चेन्नई से की. पिता अजय कुमार बीएयू कांके व माता विनीता नंद डीएवी गांधीनगर से सेवानिवृत्त हुए हैं. जूही पति और बच्चे के साथ रीडिंग शहर में रहती हैं. अभी विश्व प्रसिद्ध हीथ्रो विमानपत्तनम, लंदन में सर्विस मैनेजमेंट का कार्य देख रही हैं. वहीं पति टीसीएस कंपनी की यूके सेवा में हैं. जूही कहती हैं : विदेश में रहते हुए भी अपनी भारतीय संस्कृति से गहरा लगाव है. होली, दिपावली, दुर्गा पूजा हो या छठ महापर्व सभी पर्व उल्लास के साथ सेलिब्रेट करती हूं. यहां रह रहे बिहार और झारखंड के लोगों के साथ सामूहिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलता रहता है. विदेश में अपनी पारंपरिक जीवन शैली को जीना अच्छा लगता है. साथ इंग्लैंड के लोगों का भी भारत के साथ गहरा लगाव है. भारत के पर्यटन स्थल के प्रति विशेष रुचि रखते हैं. जूही कहती हैं : विदेश में रहकर भी अपने भारत और झारखंड की काफी याद आती है. अपनी माटी की खुशबू और परंपरा की बात ही अलग है. यहां रह रहे भारतीयों को राममय होते भारत वर्ष को जीवंत नहीं देखने का मलाल जरूर है.

राघवेंद्र- प्रियंका शिकागो में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं

रांची के राघवेंद्र और प्रियंका 2016 से शिकागो में रह रहे हैं. दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. प्रियंका बताती हैं : दो साल बाद हमें यहां की नागरिकता मिल जायेगी. अभी ग्रीन कार्ड पर हैं. हालांकि शुरू में काफी मशक्कत करनी पड़ी. हर छोटी-छोटी चीज को समझना पड़ता था. फिर धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो गया है. हमारे यहां के सभी सामान भी आसानी से मिल जाते हैं. आसपास रह रहे भारतीयों से गहरा लगाव होने से अपनापन महसूस होता है. हर त्योहार सेलिब्रेट करते हैं, ताकि अपनी संस्कृति से जुड़ाव रहे. शिकागो में कई मंदिर भी हैं, जहां हम सभी पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं. साथ ही अपने देश व राज्य की हर छोटी-बड़ी संस्कृति को दूसरे से शेयर भी करते हैं. फिर भी अपनी धरती की याद हमेशा आती है.

अपने देश की मिट्टी से लगाव नहीं हुआ है कम

रातू रोड की मनीषा सिंह अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ आर्कन्सा ऑफ मेडिकल साइंसेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वह कहती हैं : अमेरिका में 2007 से सपरिवार रह रही हूं. हालांकि इस दौरान काफी संघर्ष करना पड़ा. फिर अपने देश व झारखंड की संस्कृति से जुड़े रहने की हिम्मत ने आगे बढ़ने में मदद की. वह कहती हैं : पति यूएसए की सबसे बड़ी किडनी पैथलॉजी में लैब डायरेक्टर हैं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने देश से इतना दूर रहना पड़ेगा. उनकी मेडिकल की पढ़ाई रिम्स से हुई है. वह कहती हैं : अपने देश की मिट्टी से थोड़ा दूर जरूर चली आयी हूं, लेकिन लगाव कम नहीं हुआ है. वह अमेरिकन एसोएिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन की प्रेजिडेंट भी हैं.

Also Read: Pravasi Bharatiya Divas: महात्मा गांधी से जुड़ा है प्रवासी भारतीय दिवस, जानें इतिहास और उद्देश्य
सिंगापुर में बच्चों को हिंदी सिखा रहीं हैं रीना गुप्ता

रांची की रीना गुप्ता 23 वर्षों से परिवार के साथ सिंगापुर में रह रही हैं. वह एक इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी की टीचर हैं. वहीं पति राजेश कुमार बैंकर हैं. दो बेटे हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं. रीना गुप्ता कहती हैं : आज से 23 वर्ष पहले सिंगापुर आने का मौका मिला. यहां आयी, तो अहसास हुआ कि अपनों से दूर होने का दर्द क्या होता है. रांची के मेन रोड की आइसक्रीम, गोलगप्पा और चाट आज भी बहुत मिस करती हूं. भारत और झारखंड की मिट्टी से गहरा लगाव है. यही कारण है कि भारतीय बच्चों को हिंदी सिखाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी पुआ, धुसका, लिट्टी-चोखा के स्वाद का कोई जवाब नहीं है. सिंगापुर में रहते हुए भी दिल भारत में ही बसता है.

लिट्टी-चोखा और दही-चूड़ा के बहाने होता है जुटान

रामगढ़ कैंट के रहनेवाले प्रकाश कुमार हेतमसरिया 28 वर्षों से सिंगापुर में रहकर अपने काम के साथ-साथ सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं. उनकी स्कूली शिक्षा रामगढ़ और कॉलेज की पढ़ाई रांची विवि से पूरी हुई है. वह कहते हैं : 1995 में सिंगापुर की एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी का मौका मिला. 1996 में रांची की भावना से शादी कर सिंगापुर शिफ्ट हो गया. 28 वर्षों से उसी कंपनी में मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के पद पर है. प्रकाश कुमार कहते हैं : यहां बिहार और झारखंड के लोग मिलकर रहते हैं. साथ ही बिझार सोसाइटी के संस्थापक सदस्य भी हैं. यह सोसाइटी 20 वर्षों से काम कर रही हैं. सभी मकर संक्रांति, होली, सावन, दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहार एक साथ सेलिब्रेट करते हैं. लिट्टी चोखा, मालपुआ, दही-चूड़ा के बहाने भी नियमित जमावड़ा होता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में सोसाइटी से 200 परिवार जुड़े हुए हैं. 2021 में सार्वजनिक सेवा के लिए सिंगापुर के राष्ट्रपति द्वारा लोक सेवा पदक (पीबीएम) से सम्मानित किया जा चुका है. पत्नी भावना ने एक गैर-लाभकारी संगठन से जुड़ी हुई हैं. प्रकाश कहते हैं : भले ही झारखंड और भारत से दूर हैं, लेकिन अपनी संस्कृति से गहरा जुड़ाव है. सभी मकर संक्रांति, होली, सावन, दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहार एक साथ सेलिब्रेट करते हैं

Also Read: झारखंड से बाहर काम कर रहे हैं 1.66 लाख निबंधित प्रवासी मजदूर
Also Read: Pravasi Bharatiya Divas 2024: प्रवासी भारतीय दिवस आज, जानें इस दिन का इतिहास और क्यों मनाया जाता है ये दिन
Also Read: Pravasi Bharatiya Divas 2024: एनआरआई डे आज, यहां जानें कितने ताकतवर हैं प्रवासी भारतीय

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें