शर्मनाक : प्रक्रिया पूरी कराता रहा अस्पताल प्रबंधन, दर्द से तड़पती गर्भवती ने कार में ही दिया बच्चे को जन्म

सदर अस्पताल में इससे पहले भी स्ट्रेचर पर ही महिला का प्रसव हो गया था. उस समय कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई थी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2021 11:43 AM

रांची सदर अस्पताल में कागजी प्रक्रिया पूरी (रजिस्ट्रेशन) करने और नर्स की चिरौरी में 50 मिनट बीत गये, उधर प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने कार में ही बच्ची को जन्म दे दिया. बच्चा होने के 15 मिनट बाद नर्स पहुंची और नवजात को लेकर चली गयी. वहीं पति से कहा कि पत्नी को लेकर लेबर रूम पहुंचें. इसके बाद बेबस पति खुद पत्नी को स्ट्रेचर में लादकर अस्पताल पहुंचाया. घटना शनिवार की है.

महिला चमरी देवी (18) खूंटी जिले के तमाड़ की रहनेवाली है. जानकारी के अनुसार, दोपहर 12 बजे चमरी देवी का पति मंगल मुंडा प्रसव पीड़ा से कराहती पत्नी को बुंडू से लेकर सदर अस्पताल पहुंचा. वह अस्पताल परिसर के मेन गेट के पास कार लगा काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचा. इस प्रक्रिया में उसके 20 मिनट से अधिक बीत गये. पर्ची कटाने के बाद वह लेबर रूम पहुंचा और वहां मौजूद तीन-चार नर्सों से पत्नी को भर्ती करने की गुहार लगायी. इस पर नर्सों ने कहा कि आप मरीज को लेकर लेबर रूम आयें.

हम लोग वहां नहीं जा सकते. यह सुन मंगल मुंडा ने कहा कि वह अकेले है और पत्नी की स्थिति गंभीर है. कभी भी प्रसव हो सकता है. कृपया आप लोग मदद करें. यह सुनने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मियों का कलेजा नहीं पसीजा. इसी बीच उसकी पत्नी ने कार में ही बच्चे को जन्म फिर मंगल दौड़ कर नर्सों के पास पहुंचा और कार में ही बच्चे का जन्म होने की बात कही. 15 मिनट बाद एक नर्स आयी और नवजात को लेकर लेबर रूम चली गयी. साथ ही मंगल से कहा कि पत्नी को लेकर लेबर रूम आइये.

बेबस पति मंगल मुंडा खुद किसी प्रकार पत्नी को स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल पहुंचाया. उसने बताया कि यदि बुंडू में ही उसकी पत्नी को भर्ती कर लिया जाता तो यह दिन देखने को नहीं मिलता. वहां के चिकित्सकों ने यह कहते हुए रिम्स रेफर कर दिया गया कि यहां प्रसव संभव नहीं है. इसके बाद वह सदर अस्पताल पहुंचा.

लिफ्ट के पास स्ट्रेचर पर भी हो चुका है प्रसव

सदर अस्पताल में इससे पहले भी स्ट्रेचर पर ही महिला का प्रसव हो गया था. प्रथम तल्ला में लेबर रूम होने के कारण गर्भवती महिलाओं को लिफ्ट से वहां पहुंचाया जाता है. स्ट्रेचर बड़ा हाेने के कारण वह लिफ्ट में शिफ्ट नहीं हो पाया. इसी दौरान महिला ने स्ट्रेचर पर बच्चे को जन्म दे दिया था. उस समय कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई थी.

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