रांची : झारखंड में नक्सलियों और उग्रवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक्शन प्लान तैयार किया है. इस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी नक्सल और उग्रवाद प्रभावित जिलों के एसपी को दी गयी है. डीआइजी अपने रेंज में इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को टास्क दिया है कि नक्सलियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए वैसे व्यक्ति की पहचान कर उनका पता लगायें, जो नक्सलियों और उग्रवादियों को सहायता पहुंचाते हैं और उनसे सहानुभूति रखते हैं.
मददगारों के खिलाफ समुचित निरोधात्मक कार्रवाई करने से नक्सलियों और उग्रवादियों का नेटवर्क ध्वस्त किया जा सकता है. इसके साथ ही यह भी टास्क दिया गया है कि विशेष रूप से नक्सली और उग्रवादियों के रिश्तेदारों एवं पैसा रखने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें. उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में नक्सल और उग्रवाद प्रभावित जिलों में नक्सलियों और उग्रवादियों ने सक्रियता बढ़ाते हुए कुछ घटना को अंजाम दिया है.
लोहरदगा में रवींद्र गंझू के दस्ता द्वारा लेवी के लिए घटना को अंजाम देने की बात सामने आ चुकी है. इसके बाद लोहरदगा में रवींद्र की तलाश में कोबरा बटालियन ने बड़े पैमाने पर गुमला और लोहरदगा पुलिस के साथ अभियान शुरू किया था, लेकिन रवींद्र बचने में कामयाब रहा. दूसरी ओर चाईबासा में भी पीएलएफआइ के उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है. इसमें हाल के दिनों में मुठभेड़ की दो घटना हो चुकी है. इसलिए अब पुलिस नक्सलियों और उग्रवादियों पर नियंत्रण पाने के लिए उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी में जुट गयी है. पीएलएफआइ और माओवादियों की गतिविधियों पर खुफिया विभाग द्वारा विशेष निगरानी रखी जा रही है. खुफिया विभाग की सटीक सूचना पर हाल के दिनों में पीएलएफआइ उग्रवादियों के खिलाफ कई अभियान चलाया गया, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिली है.
Posted By : Guru Swarup Mishra