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सामाजिक जागरूकता और कंप्यूटर अब विवि पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग

-- राज्य सरकार ने विवि को दिया सिंडिकेट/सीनेट से चार रेगुलेशन ड्राफ्ट पारित करा कर भेजने का निर्देश

— एक बार फिर स्नातक पाठ्यक्रम के फ्रेमवर्क में बदलाव करने की तैयारी

— राज्य सरकार ने विवि को दिया सिंडिकेट/सीनेट से चार रेगुलेशन ड्राफ्ट पारित करा कर भेजने का निर्देश

— सेमेस्टर वन में जो प्रमुख विषय होगा व सेमेस्टर टू में बदल जायेगा

संजीव सिंह, रांची

झारखंड में स्नातक के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में सामाजिक जागरूकता विषय अनिवार्य अंग होगा. जबकि स्नातक के विद्यार्थियों को प्रथम तीन सेमेस्टर में कंप्यूटर अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ना होगा. राज्य सरकार सरकारी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में नयी शिक्षा नीति के तहत स्नातक के पाठ्यक्रम में एक बार फिर बदलाव करने जा रही है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इससे संबंधित ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है. साथ ही इस ड्राफ्ट को सभी सरकारी विवि को भेज कर सिंडिकेट/सीनेट से पारित करा कर भेजने का निर्देश दिया गया है. पाठ्यक्रम में बदलाव के तहत अब सेमेस्टर टू में सामाजिक जागरूकता पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय होगा. विद्यार्थियों को अवेयरनेस मॉड्यूल के रूप में दो क्रेडिट के साथ पढ़ाई करनी होगी. इसमें रोड सेफ्टी, सेक्सुअल ह्रासमेंट, डायवरसिटी, सेल्फ हेल्थ केयर व अन्य विषय शामिल होंगे. वहीं स्किल इनहांसमेंट कोर्स के तहत अलग-अलग विषय नहीं होंगे, जबकि इसकी जगह अब तीन सेमेस्टर तक कंप्यूटर की पढ़ाई होगी. यह नौ क्रेडिट का होगा. प्रति सेमेस्टर तीन क्रेडिट मिलेंगे. नये रेगुलेशन ड्राफ्ट के मुताबिक विद्यार्थियों को ऑफलाइन पढ़ाई में अब 40 प्रतिशत ऑनलाइन पढ़ाई करने की भी छूट मिलेगी. ऑनलाइन कोर्स यूजीसी के पोर्टल स्वयं या मूक से भी कर सकेंगे.

पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा होंगे शामिल

विवि में इंडियन नॉलेज सिस्टम (भारतीय ज्ञान परंपरा) नौ क्रेडिट के साथ पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है. इसमें दो क्रेडिट इंडियन नॉलेज सिस्टम पर रहेगा, जबकि चार क्रेडिट संबंधित विषय में तथा तीन क्रेडिट मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स के साथ रहेगा. इस नये रेगुलेशन के मुताबिक अब विद्यार्थी सेमेस्टर वन में जिस विषय को मेजर विषय के रूप में रखेंगे, सेमेस्टर टू में बदल कर दूसरा विषय रखना होगा. इसी प्रकार मेजर के साथ एसोसिएटेड कोर विषय होंगे. इसके तहत इस ग्रुप से जो विषय सेमेस्टर वन में होंगे, वह सेमेस्टर टू में बदल जायेगा.

चार रेगुलशन को पारित कराना है

उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने विवि को मुख्य रूप से चार रेगुलेशन ड्राफ्ट को सिंडिकेट/सीनेट से पारित करा कर भेजने का निर्देश दिया है. इनमें इंप्लीमेंटेशन ऑफ फोर इयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाइजीयूपी) रेगुलेशन 2024, मल्टीपल इंट्री-मल्टीपल एग्जिट इन स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड रेगुलेशन 2024, इंप्लीमेंटेशन ऑफ एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट इन स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड रेगुलेशन 2024 तथा परसुइंग टू एकेडमिक प्रोग्राम सिमुलेंयुसली (डुअल डिग्री प्रोग्राम) इन स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड रेगुलेशन 2024 शामिल हैं.

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