Banking News : यूनियन बैंक में झारखंड 17 हजार करोड़ जमा, पर जोनल ऑफिस बिहार ले जाने की तैयारी
झारखंड से यूनियन बैंक के अंचल कार्यालय (जोनल ऑफिस) को बिहार ले जाने की तैयारी है. इसके लिए बैंक ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-2026 की शुरुआत यानी एक अप्रैल से नयी व्यवस्था के तहत पटना से कामकाज शुरू हो जायेगा.
बिपिन सिंह (रांची). झारखंड से यूनियन बैंक के अंचल कार्यालय (जोनल ऑफिस) को बिहार ले जाने की तैयारी है. इसके लिए बैंक ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-2026 की शुरुआत यानी एक अप्रैल से नयी व्यवस्था के तहत पटना से कामकाज शुरू हो जायेगा. झारखंड में बैंक के जोनल ऑफिस के तहत करीब 115 शाखाएं (ब्रांच नेटवर्क) मौजूद हैं, जिनके व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ेगा. वहीं, यूनियन बैंक के पास झारखंड की आम जनता के कुल 17,000 करोड़ रुपये डिपॉजिट (जमा) हैं.
रांची और धनबाद में रह जायेंगे दो क्षेत्रीय कार्यालय
कार्यालय शिफ्ट होने के बाद अब यहां अंचल कार्यालय की जगह रांची और धनबाद में दो क्षेत्रीय कार्यालय रह जायेंगे, जहां डीजीएम रैंक के अधिकारी बैंकिंग कार्यों की मॉनिटरिंग करेंगे. बैंक के जोनल कार्यालय को बिहार ले जाने से रोकने के लिए यूनियन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआइ), राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. यूनियन की मानें, तो कार्यालय स्थानांतरण के बाद पटना मंडल के अंतर्गत तीन की जगह अब चार क्षेत्रीय कार्यालय हो जायेंगे. वहीं, बिहार के व्यावसायिक हितों को देखते हुए गया में एक नया क्षेत्रीय कार्यालय होगा. यूनियन बैंक के ‘एफआइ एंड एमएम डिपार्टमेंट’ को ‘आर एंड डीबी’ नेटवर्क से प्रस्ताव भेजा गया है. नये अंचल कार्यालय के अधीन आनेवाली शाखाओं की सूची भी तैयार कर ली गयी है. रांची से अंचल कार्यालय को किस वजह से बिहार स्थानांतरित किया जा रहा है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है. दरअसल, अभी पटना जोन के अंतर्गत पटना, भागलपुर, समस्तीपुर और अब गया क्षेत्रीय कार्यालय आयेंगे.
झारखंड में अपनी सेवाएं लगातार घटा रहा था बैंक
यूनियन बैंक ने बिहार में बड़े पैमाने पर अपनी बैंकिंग सेवाओं का विस्तार किया है. वहीं, झारखंड में करीब एक दर्जन शाखाएं बंद कर दी गयी हैं. झारखंड में बोकारो के नावाडीह, गढ़वा-केतार के परतिकुशवानी, लातेहार के गणेशपुर इलाके में छोटे ब्रिक्स एंड मोर्टार ब्रांच खोले गये हैं. वहीं, झारखंड में रांची के पुरुलिया रोड, अपर बाजार, मोरहाबादी, कांके, रातू रोड, गुमला, चक्रधरपुर, चाईबासा, सेवा शाखा, बोकारो, कतरास, रामगढ़ के कई शाखाएं बंद कर दी गयी है.
राज्य को होगा नुकसान, प्रतिस्पर्धा घटेगी
यूनियन बैंक का झारखंड में ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) 32.63% है. ग्रामीण इलाकों में 34, अर्द्धशहरी क्षेत्रों में 33 और शहरी इलाकों में कुल 48 शाखाओं से बैंकिंग गतिविधियां संचालित हो रही हैं. जून 2024 तिमाही तक शिक्षा ऋण (एजुकेशन लोन) की स्वीकृति देने में 12 करोड़ रुपये का योगदान दिया था. इसके लिए उसे एसएलबीसी से सराहना भी मिली थी. यूबीइएजेएस के जेनरल सेक्रेटरी एमएल सिंह, यूबीएससीएसटीडब्लूसीजेएचके के महासचिव, राजेंद्र किंडो, यूबीओएजेएचके के महासचिव जे पांडेय, एआइबीओसी के झारखंड महासचिव प्रकाश उरांव सहित खुद यूनियन बैंक का संगठन यूबीइएजेएचके भी इसका लगातार विरोध कर रहा है. यूनियनों का कहना है कि जोनल ऑफिस के बिहार शिफ्ट होने से झारखंड के व्यापार और बैंक को आर्थिक नुकसान हो सकता है. यूनियन बैंक के इस कदम को रोकने के लिए आपात बैठक कर रणनीति बनायी जायेगी.
झारखंड चेंबर ने कहा : उद्योग और व्यवसाय पर पड़ेगा असर
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के इस कदम का फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एफजेसीसीआई) ने भी विरोध किया है. संस्था के अध्यक्ष परेश गट्टानी का कहना है कि खनिज आधारित उद्योग-व्यापारिक शहर होने के कारण कार्यालय हटाये जाने से व्यवसाय पर सीधा असर पड़ेगा. रांची शैक्षणिक हब के रूप में भी विकसित हो चुका है. यहां दूसरे जिलों के बच्चे भी पढ़ाई करने के लिए आते हैं. ऐसे में बड़े ऋण और अन्य जरूरी कार्यों के लिए पटना का चक्कर लगाना पड़ सकता है.
बोले फेडरेशन के पदाधिकारी
बिहार की तुलना में झारखंड में खनिज और उद्योग के विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं. बैंक ने आठ वर्षों तक अच्छा प्रदर्शन किया है. इसके बावजूद प्रबंधन का यह फैसला समझ से परे है. जोनल कार्यालय को स्थानांतरित करने से इसका प्रतिकूल प्रभाव झारखंड की जनता को मिलनेवाली बैंकिंग सुविधाओं पर पड़ेगा.
एम एल सिंह, जनरल सेक्रेटरी, बैंक एंप्लॉय फेडरेशन, झारखंडबोले बैंक के अधिकारी
ऐसा एक आधिकारिक आदेश शीर्ष कार्यालय से प्राप्त हुआ है. यह बैंक का एक आंतरिक प्रशासनिक निर्णय है. फिलहाल, इस संबंध में कोई वक्तव्य देना उचित नहीं है. अभी यहां से बिहार की 225 शाखाओं की मॉनिटरिंग हो रही है.बैजनाथ सिंह, जोनल हेड (अंचल बैंक), यूनियन बैंक, झारखंड
जाहिर की जा रही हैं आशंकाएं
– जोनल ऑफिस के बिहार शिफ्ट होने से झारखंड के व्यापार और बैंक को आर्थिक नुकसान हो सकता है
– खनिज आधारित उद्योगों से जुड़ा राज्य है झारखंड, कार्यालय हटाये जाने से व्यवसाय पर असर पड़ सकता है- रांची शैक्षणिक हब के रूप में भी विकसित हो चुका है, बड़े ऋण और अन्य जरूरी कार्यों के लिए पटना का चक्कर लगाना पड़ सकता है– जोनल कार्यालय को स्थानांतरित करने से इसका प्रतिकूल प्रभाव झारखंड की जनता को मिलनेवाली बैंकिंग सुविधाओं पर पड़ेगा
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