अभी राजधानी के 1.22 लाख घरों को नहीं दे पा रहे पानी, अब 2.09 लाख घरों को देने की हो रही तैयारी

डैमों की सफाई नहीं होने से आये दिन पानी की राशनिंग करनी पड़ती है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 12, 2024 12:00 PM

उत्तम महतो, रांची. शहर के हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए जुडको की ओर से पाइपलाइन बिछायी जा रही है. जुडको की योजना है कि अगस्त 2025 तक शहर के 2.09 लाख घरों को वाटर कनेक्शन दिया जाये. ताकि, पेयजल की समस्या का सामना किसी को नहीं करना पड़े. वहीं, दूसरी ओर जानकार यह सवाल उठा रहे हैं कि वर्तमान में शहर के 1.22 लाख घरों में वाटर कनेक्शन है. लेकिन, इन घरों को ही पेयजल विभाग द्वारा पर्याप्त सप्लाई पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में जब 2.09 लाख घरों को वाटर कनेक्शन दिया जायेगा, तो फिर पानी कहां से आयेगा.

यह हाल है शहर में वाटर सप्लाई का

रांची नगर निगम के अनुसार, शहर में कुल वाटर कनेक्शनधारियों की संख्या 1.22 लाख है. वर्तमान में इन वाटर कनेक्शनधारियों की ही स्थिति ऐसी है कि कभी दिन में यहां आधा घंटा तो कभी एक घंटा के लिए पानी आता है. थड़पखना, तिरिल रोड, इस्लाम नगर, चुटिया आदि क्षेत्रों में सप्लाई वाटर आने का कोई टाइम टेबल निर्धारित नहीं है. इस कारण कई जगहों पर लोग पानी भरने के लिए रतजगा करते हैं. रातू रोड में इंद्रपुरी, बड़गाईं, कोकर सहित कई इलाके का हाल ऐसा है कि यहां किसी दिन पानी आता है, तो अगले दो दिनों तक पानी ही नहीं आता है.

इन योजनाओं पर चल रहा है काम

वर्तमान में शहर के सभी घरों में पानी पहुंचाने के लिए जुडको द्वारा 1200 करोड़ की लागत से 800 किमी से अधिक डिस्ट्रीब्यूशन व राइजिंग पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. यह कार्य एलएंडटी, नागार्जुना कंस्ट्रक्शन व जिंदल कंपनी को सौंपा गया है.

14 जगहों पर किया जा रहा जलमीनार का निर्माण

हर घर तक पानी पहुंचे, इसके लिए शहर में 14 जगहों पर जलमीनार का निर्माण किया जा रहा है. इसमें से पटेल पार्क, अमरूद बागान, बकरी बाजार, पहाड़ी मंदिर, बनहोरा वन व टू, मधुकम, पंडरा, पुलिस लाइन, बड़ा तालाब व सीपेट के समीप जलमीनार का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. वहीं, हिंदपीढ़ी में जमीन नहीं मिलने के कारण जलमीनार का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

क्या है डैमों का हाल

वर्ष 2016 में जब राजधानी में भीषण गर्मी पड़ी थी, तब हटिया डैम से राशनिंग की शुरुआत की गयी थी. इस दौरान एक-एक दिन छोड़ कर डैम से जलापूर्ति की जाती थी. वहीं, जलापूर्ति नहीं होने पर प्रभावित मोहल्लों में निगम के टैंकरों से पानी पहुंचाया जाता था. तब लोगों ने डैमों की सफाई करा कर व गाद निकालने की मांग की थी. लेकिन, अब तक एक भी डैम से गाद नहीं निकाला जा सका.

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