सुनील कुमार झा, (रांची). राज्य में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव होगा. वहीं, परीक्षा में सभी खंड में अलग-अलग क्वालिफाइंग मार्क्स लाने का प्रावधान भी समाप्त हो सकता है. परीक्षा का सिलेबस केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा व एनसीटीइ की गाइडलाइन के अनुरूप होगा. परीक्षा को लेकर जारी सिलेबस का विरोध हो रहा है. प्रभात खबर ने अपने 25 अगस्त के अंक में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के सिलेबस की विसंगति से संबंधित खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था. राज्य में अभ्यर्थी भी इसका विरोध कर रहे थे.
सचिव ने सिलेबस की समीक्षा करने को कहा
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक को सिलेबस की समीक्षा करने को कहा. निदेशक ने विभाग के अन्य पदाधिकारियों के साथ झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर जारी सिलेबस की समीक्षा की. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा, शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर एनसीटीइ की गाइडलाइन का भी अध्ययन किया. समीक्षा के दौरान पाया गया कि झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर नियमावली में किये गये प्रावधान एनसीटीइ की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है. इसके अलावा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के सिलेबस व अन्य प्रावधान के अनुरूप नहीं है. निदेशक अन्य राज्यों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के सिलेबस का अध्ययन कर अंतिम रिपोर्ट शिक्षा सचिव को देंगे. इसके बाद सिलेबस में बदलाव की आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.वर्ष 2013 व 2016 के अनुरूप हो सकता सिलेबस
पाठ्यक्रम में कक्षा एक से पांच के लिए होनेवाली परीक्षा का प्रश्न राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम के अंतर्गत कक्षा एक से पांच के सिलेबस पर आधारित होगा, पर इसकी कठिनाई का अधिकतम स्तर मैट्रिक या समकक्ष हो सकता है. वहींं कक्षा छह से आठ की परीक्षा के लिए प्रश्न राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम के अंतर्गत कक्षा छह से आठ के सिलेबस पर आधारित व इसकी कठिनाई का अधिकतम स्तर उच्चतर माध्यमिक /प्लस टू या समकक्ष हो सकता है.
सभी खंड में पास करने से भी मिलेगी छूट
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में अब अभ्यर्थी को ऑवरऑल पास मार्क्स के अलावा प्रत्येक खंड में अलग-अलग पास मार्क्स लाने की शर्त से भी छूट मिल सकती है. वर्तमान में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी परीक्षा पास करने के लिए प्रत्येक खंड में न्यूनतम 40 फीसदी अंक व कुल 60 फीसदी अंक प्राप्त करना अनिवार्य है. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग को सभी खंड में न्यूनतम 35 फीसदी व कुल 55 फीसदी अंक लाना अनिवार्य है. इसी प्रकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिम जनजाति व दिव्यांग अभ्यर्थी को प्रत्येक खंड में न्यूनतम 30 कुल 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है