मनोज सिंह (रांची). झारखंड सरकार को चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट से अलग ली गयी स्कीम पर खर्च करने के लिए कुल “10,282 करोड़ चाहिए. इसके लिए सरकार राशि के जुगाड़ में लग गयी है. सभी विभागों को बची हुई राशि का कुछ हिस्सा सरेंडर करने को कहा गया है. नौ दिसंबर तक सभी विभागों को राशि सरेंडर करने का लक्ष्य दिया गया है. विभागों को अब तक हुए खर्च के अनुसार राशि सरेंडर करने को कहा गया है.
सबसे अधिक राशि खर्च होनी है झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर
बजट से अतिरिक्त ली गयी स्कीम में सबसे अधिक खर्च झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर होना है. इसके लिए राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक “7314 करोड़ चाहिए. इसके अतिरिक्त सरकार को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट के लिए करीब “1810 करोड़, बिरसा फसल बीमा योजना के लिए “250 करोड़ और बिजली के टैरिफ सब्सिडी के लिए “767 करोड़ चाहिए. वित्त विभाग का मानना है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक कुछ नियुक्तियां होंगी या हुई हैं, उसके वेतन व सुविधा मद के लिए “68 करोड़ चाहिए. इसके अतिरिक्त करीब “73 करोड़ राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मियों की सुविधा में की गयी विभिन्न प्रकार वृद्धि के लिए चाहिए.विभागों से करीब 8,000 करोड़ आने का अनुमान
वित्त विभाग का मानना है कि राज्य सरकार को विभिन्न योजना मद में सरेंडर करने को कहा गया है. इससे सरकार को करीब “8200 करोड़ प्राप्त हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त करीब झारखंड मिनिरल्स बियरिंग लैंड सेस से “1600 करोड़ मिल सकते हैं. करीब “490 करोड़ डीएमएफटी से मिलने का अनुमान है. अक्तूबर 2024 में झारखंड मिनिरल्स बियरिंग लैंड सेस लागू किया गया है. इससे नवंबर माह के अंत तक करीब “400 करोड़ प्राप्त हुए हैं. इससे हर माह करीब “300 करोड़ सरकार को प्राप्त होने का अनुमान है.
पांच से 20 फीसदी तक सरेंडर करने का निर्देश
राज्य सरकार ने चारों योजना की राशि पूरा करने के लिए विभागों को राशि सरेंडर करने को कहा है. जिस विभाग ने बजट का 50 फीसदी से अधिक राशि खर्च कर लिया है, उसको पांच फीसदी सरेंडर करना है. 30 से 50 फीसदी तक बजट खर्च करनेवाले विभाग को 10 तथा 30 फीसदी से कम खर्च करनेवाले विभाग को 20 फीसदी राशि सरेंडर करना है. विभागों को राज्य सरकार की योजना के साथ-साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं से भी राशि सरेंडर करने को कहा गया है.
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