सरकारी अस्पतालों में आइसीयू पीपीपी मोड में चलाने की तैयारी

राज्य के सरकारी अस्पतालों में आइसीयू को अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में चलाने की तैयारी हो रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है. अब सिविल सर्जन अपने स्तर से जल्द ही इस दिशा में प्रयास शुरू करेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2024 10:32 PM

बिपीन सिंह (रांची).

राज्य के सरकारी अस्पतालों में आइसीयू को अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में चलाने की तैयारी हो रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है. अब सिविल सर्जन अपने स्तर से जल्द ही इस दिशा में प्रयास शुरू करेंगे. 21 सदर अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू होगी. इस व्यवस्था के तहत 10 बेडवाली आइसीयू को पीपीइ मोड पर स्थापित की जानी है. इसके लिए सभी सिविल सर्जन को भवन व स्थान चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है. विभाग से मंजूरी मिलने के बाद उपायुक्त, सिविल सर्जन के साथ समन्वय कर उपरोक्त मामले में निर्णय लेंगे. 15 फाइनेंस कमीशन, डीएमएफटी फंड व आयुष्मान से होनेवाली आय से डॉक्टरों को सेवा के बदले भुगतान किया जायेगा. रांची सदर अस्पताल में यह योजना काफी हद तक सफल रही है. इसी फॉर्मूले के आधार पर अन्य अस्पतालों के लिए सर्जन, ऑर्थो, गैस्ट्रो, आई, बाल रोग विशेषज्ञ, सांस रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, निश्चेतना विशेषज्ञ (एस्थेटिक) और रेडियोलॉजिस्ट बहाल किये जायेंगे. ये सभी अस्पताल के ओपीडी के साथ ही आइसीयू में भर्ती मरीजों को भी देखेंगे.

11 अस्पतालों के आइसीयू वार्ड होंगे अपडेट :

सदर अस्पताल रांची व जमशेदपुर जैसे कुछ बड़े जिला अस्पतालों में पहले से ही 20 बेडवाली आइसीयू औरों के मुकाबले कुछ बेहतर स्थिति में है. इसके अतिरिक्त 11 अस्पतालों के आइसीयू वार्ड को अपडेट किया जायेगा. इसके लिए आइसीयू बेड्स, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य उपकरणों की खरीद कॉरपोरेशन के माध्यम से सिविल सर्जन की रिपोर्ट पर की जानी है.

विशेषज्ञ डॉक्टरों की है कमी :

झारखंड के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. सुविधाओं के अभाव में सुदूरवर्ती इलाकों में डॉक्टर सेवा देना नहीं चाहते हैं. राज्य के कुछ बड़े शहरों को यदि छोड़ दें, तो ज्यादातर सदर अस्पतालों में आम मरीजों और गंभीर स्थिति में गर्भवती महिलाओं के लिए आइसीयू में उस दर्जे की सुविधाएं नहीं हैं. वहीं, वेंटिलेटर, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन मशीनें नहीं चल रही हैं.

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