Draupadi Murmu Ranchi Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आ रही हैं रांची, ICAR-NISA के शताब्दी समारोह में करेंगी शिरकत

Draupadi Murmu Ranchi Visit: रांची के नामकुम स्थित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (ICAR-NISA)20 सितंबर को अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है. इस खास अवसर पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी.

By Guru Swarup Mishra | September 18, 2024 6:12 PM

Draupadi Murmu Ranchi Visit: रांची-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार (19 सितंबर) को रांची आ रही हैं. वे 20 सितंबर को रांची के नामकुम स्थित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (ICAR-NISA) के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगी. झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और सीएम हेमंत सोरेन समेत कई गणमान्य इस खास अवसर पर मौजूद रहेंगे. संस्थान के निदेशक डॉ अभिजीत कर ने बुधवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ये जानकारी दी.

20 सितंबर को शताब्दी समारोह का आयोजन

रांची के नामकुम में राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान है. इसे पहले भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद अनुसंधान संस्थान और भारतीय लाख अनुसंधान संस्थान के रूप में जाना जाता था. ये संस्थान 20 सितंबर 2024 को अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है. इस ऐतिहासिक अवसर पर संस्थान में शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि होंगी.

शताब्दी समारोह में ये भी रहेंगे उपस्थित

मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार विशिष्ट अतिथि के रूप में शताब्दी समारोह में उपस्थित रहेंगे. इस कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, रांची के सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे.

वरीय अधिकारियों के साथ किसान भी होंगे शामिल

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद (ICAR) की ओर से डॉ हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर, D.A.R.E.) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), डॉ श्याम नारायण झा, उपमहानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) एवं डॉ कृष्ण प्रताप सिंह, सहायक महानिदेशक (प्रक्षेत्र अभियांत्रिकी) भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे. इस समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, केंद्र और राज्य सरकारों के उच्च अधिकारी, कृषि से संबंधित व्यवसायी, वैज्ञानिक, और 8 से 10 हजार किसानों (3 से 4 हजार व्यक्तिगत रूप से और 5 से 6 हजार जूम लिंक और यूट्यूब के माध्यम से) के भाग लेने का अनुमान है.

तीन पुस्तकों का होगा लोकार्पण

मुख्य कार्यक्रम के बाद डॉ हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) संस्थान के शताब्दी स्मारक के रूप में “माय स्टांप” और लाक्षा 2024, विज़न 2047, 100 वर्षों की उत्कृष्टता नामक तीन पुस्तकों का लोकार्पण करेंगे. इस अवसर पर मुख्य पोस्टमास्टर जनरल झारखंड विधान चन्द्र रॉय, उपमहानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) एवं सहायक महानिदेशक (प्रक्षेत्र अभियांत्रिकी) भी उपस्थित रहेंगे.

निदेशक ने गिनायीं संस्थान की उपलब्धियां

संस्थान के निदेशक ने कहा कि पिछले एक सदी में लाखों किसानों को लाख की वैज्ञानिक खेती एवं प्रसंस्करण में मदद की गयी है. इनमें झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल के पिछड़े जिलों में निवास करने वाले आदिवासी और गरीब किसान शामिल हैं. इससे करीब 10 लाख से अधिक कृषि परिवार लाभान्वित हुए हैं. संस्थान ने अनुसंधान, नवाचार, और खेती, प्रसंस्करण, और अनुप्रयोगों में उन्नति के माध्यम से भारत को लाख उत्पादन में अपनी अगुवाई बनाए रखने में मदद की है. लाख के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुरक्षित करने और झारखंड और छत्तीसगढ़ में इसे कृषि उत्पाद के रूप में घोषित करवाने में संस्थान की भूमिका रही है. ‘कुसुमी लाख उत्पादन बेर के पेड़ों पर’ और ‘फ्लेमिंजिया सेमियालता पर लाख खेती’ जैसी प्रौद्योगिकियों ने लाख को एक प्लांटेशन फसल में बदल दिया. भारत सालाना लगभग 8,000 टन लाख और मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात करता है.

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