रांची : राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू कल झारखंड आएगी है. इस दौरान वो पक्ष विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर समर्थन मांगेगी. वहीं झामुमो भी कल अपने पत्ते खोलेगा कि वो किसे समर्थन देगा. बता दें कि इससे पहले द्रौपदी मुर्मू व यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर समर्थन मांगा था. हालांकि अभी तक झामुमो की ओर से तय नहीं किया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की ओर से किसे समर्थन दिया जायेगा.
झामुमो ने इस मुद्दे को लेकर 25 जून को बैठक बुलायी थी. इसमें निर्णय लेने के लिए पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को अधिकृत किया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से जल्द ही एक और बैठक होगी. इसके बाद अधिकृत तौर पर समर्थन करने की घोषणा की जायेगी. वहीं दूसरी ओर प्रत्याशी पक्ष-विपक्ष के लोगों से मिल रहे हैं.
द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से जुड़ाव रहा है. वह झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. उन्होंने यहां छह वर्ष से अधिक समय तक राज्यपाल के तौर पर काम किया है. द्रौपदी मुर्मू संताल आदिवासी समाज से आती हैं. संताल परगना के छह जिलों में इनकी संख्या अधिक है. एनडीए द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बना कर आदिवासियों की भावना का सम्मान देने की बात कर रही है.
साथ ही झामुमो पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का काम कर रही है. इधर, जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी सीएम हेमंत सोरेन से बात कर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने आग्रह किया है. इसकी वजह से झामुमो के अंदरखाने में चर्चा तेज हो गयी है. झामुमो के कुछ विधायक दबी जुबान से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात कर रहे हैं. हालांकि अभी तक पार्टी ने अपना पत्ता नहीं खोला है. झामुमो केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में किसे समर्थन दिया जायेगा, इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
Posted By: Sameer Oraon