द्रौपदी मुर्मू का झारखंड ही नहीं बल्कि प्रभात खबर के साथ भी रहा है रिश्ता, इन कार्यक्रमों में लिया हिस्सा

देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड के अलावा प्रभात खबर के साथ भी गहरा नाता रहा है. प्रभात खबर ने राज्यपाल श्रीमती मुर्मू को कई मौकों पर निमंत्रण दिया था. और हर बार उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है

By Prabhat Khabar News Desk | July 22, 2022 10:37 AM
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रांची : देश की राष्ट्रपति के रूप में चयनित द्रौपदी मुर्मू का जितना गहरा रिश्ता झारखंड से रहा है, उतना ही ‘प्रभात खबर’ से भी रहा है. बतौर राज्यपाल श्रीमती मुर्मू ने अपने कार्यकाल के दौरान ‘प्रभात खबर’ के आमंत्रण पर कार्यक्रम में हिस्सा लिया. अब तक पांच महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. चाहे वह कवि सम्मेलन, अपराजिता सम्मान समारोह, प्रतिभा सम्मान या फिर पंचायतनामा का लोकार्पण हो.

20 मार्च 2016

‘प्रभात खबर’ द्वारा अपराजिता सम्मान समारोह में श्रीमती मुर्मू ने 32 महिलाओं को सम्मानित किया. डीपीएस सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि अवसर मिलने पर महिलाओं ने हर क्षेत्र में पुरुषों के समान ही सफलता अर्जित की है. अपनी प्रतिभा से समाज और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है. ग्रामीण महिलाओं में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. जरूरत है उचित मार्गदर्शन की. इस कार्यक्रम में प्ले बैक सिंगर अंतरा मित्रा ने भी अपनी गायकी से लोगों का मनोरंजन किया था.

16 जुलाई 2016

द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में ‘प्रभात खबर’ के पाक्षिक अखबार पंचायतनामा का लोकार्पण किया था. इस अवसर पर श्रीमती मुर्मू ने कहा था कि पंचायतों के सशक्त होने से ही देश आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हमारा देश गांवों का है. पंचायतों का देश कहना भी भूल नहीं होगी. यहां एक-एक पंचायत से गांवों के लोग जुड़े हैं. लेकिन आज भी पंचायत प्रतिनिधियों को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है. यह अखबार पंचायतों की आवाज बने.

आठ अप्रैल 2017

‘प्रभात खबर’ द्वारा आयोजित अपराजिता सम्मान समारोह के अगले कार्यक्रम में भी द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं और विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करनेवाली 26 महिलाओं को सम्मानित किया. इस समारोह में श्रीमती मुर्मू ने जोर देकर कहा था कि दहेज के कारण परिवार तबाह अौर समाज बरबाद हो रहा है. महिलाअों को लेकर लागों के सोच में बदलाव लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वेदों में भी लिखा है, कि जहां महिलाओं का सम्मान होता है, देवता वहीं बसते हैं. कार्यक्रम रिम्स ऑडिटोरियम में हुआ था.

10 सितंबर 2017

‘प्रभात खबर’ द्वारा आयोजित ‘गुरु सम्मान समारोह’ में द्रौपदी मुर्मू ने 50 शिक्षकों को सम्मानित किया. रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीमती मुर्मू ने कहा था कि शिक्षक बच्चों को जीरो से हीरो बनाने में अपनी भूमिका निभायें. बच्चों में शिक्षक अच्छा इंजीनियर, डॉक्टर व वैज्ञानिक की कला भरते हैं. उन्होंने कहा कि हमें गरीबों में भी गरीब बच्चों को शिक्षित करने का दायित्व निर्वहन करना चाहिए. इस समारोह में राहत इंदौरी, वसीम बरेवली, डॉ कुमार विश्वास ने अपनी रचनाएं सुनायी थीं.

10 सितंबर 2017

‘प्रभात खबर’ द्वारा आयोजित ‘गुरु सम्मान समारोह’ में द्रौपदी मुर्मू ने 50 शिक्षकों को सम्मानित किया. रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीमती मुर्मू ने कहा था कि शिक्षक बच्चों को जीरो से हीरो बनाने में अपनी भूमिका निभायें. बच्चों में शिक्षक अच्छा इंजीनियर, डॉक्टर व वैज्ञानिक की कला भरते हैं. उन्होंने कहा कि हमें गरीबों में भी गरीब बच्चों को शिक्षित करने का दायित्व निर्वहन करना चाहिए. इस समारोह में राहत इंदौरी, वसीम बरेवली, डॉ कुमार विश्वास ने अपनी रचनाएं सुनायी थीं.

10 मार्च 2018

‘प्रभात खबर’ के अपराजिता सम्मान समारोह में एक बार फिर द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं. रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में श्रीमती मुर्मू ने 19 महिलाओं को सम्मानित किया. उन्होंने इस अवसर पर कहा कि महिलाएं अब अबला नहीं हैं. अपराजिता हो गयी हैं. हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. संघर्ष कर अपना रास्ता बना रही हैं. जिस समाज या देश में महिलाओं को सम्मान मिल रहा है, वह समाज आगे बढ़ रहा है. उनकी अलग पहचान बन रही है.

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