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– मलेरिया से सुरक्षा का एक मात्र रास्ता है खुद की सावधानी

पूरा झारखंड मलेरिया के डेंजर जोन में है, लेकिन तीन-चार जिले ऐसे हैं जहां मलेरिया का प्रकोप सबसे ज्यादा है.

पूरा झारखंड मलेरिया के डेंजर जोन में है, लेकिन तीन-चार जिले ऐसे हैं जहां मलेरिया का प्रकोप सबसे ज्यादा है. स्वास्थ्य विभाग इन जिलों में विशेष अभियान चलाकर मलेरिया से लोगों को बचाने का प्रयास कर रहा है, बाजवूद मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. विभाग का मानना है कि जांच का दायरा बढ़ने से मलेरिया की चपेट में आने वाले मरीजों की पुष्टि बढ़ी है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि मलेरिया से बचाव लोगों के हाथ में है. साफ-सफाई का ख्याल रखा जाये, तो मच्छर का लार्वा पनपता नहीं है. ऐसे में सावधानी और सतर्कता से इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है. पेश है राजीव पांडेय की रिपोर्ट़

इस वर्ष 5137 लोग आ चुके हैं मलेरिया की चपेट में

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्यभर में वर्ष 2023 में 34,087 लोग मलेरिया की चपेट में आये थे, जो 2022 की तुलना में अधिक है. वर्ष 2022 में 19,168 लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई थी. इधर, 2024 (जनवरी से मार्च तक) में अभी तक 5,137 लोग मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष 4.42 करोड़ लोगों के बीच मलेरिया स्क्रीनिंग का लक्ष्य तय किया है. वर्ष 2023 में 4.32 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की गयी थी, जिसमें 57,42,069 संदिग्धों की जांच की गयी थी. इसमें 34,087 लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई थी. राहत की बात है कि मौत का आंकड़ा कम हुआ है. वर्ष 2022 में मलेरिया से चार लोगों की मौत हुई थी. वहीं, वर्ष 2023 में सिर्फ दो लोग की ही मौत हुई थी.

पश्चिमी और पूर्वी सिंहभूम में सबसे ज्यादा खतरा

मलेरिया के डेंजर जोन में पश्चिमी और पूर्वी सिंहभूम जिला शामिल है. पश्चिमी सिंहभूम में वर्ष 2022 में 10,816 मलेरिया पीड़ित मिले थे, जो वर्ष 2023 में बढ़कर 16,617 हो गये. वर्ष 2024 में अभी तक 3,194 मरीज मिल चुके हैं. वहीं, पूर्वी सिंहभूम में वर्ष 2022 में 1,425 मलेरिया पीड़ित थे, जो 2023 में बढ़कर 2,956 हो गये. वहीं इस वर्ष अभी तक 501 मरीज मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं. इधर, पाकुड़ में वर्ष 2022 में 773 मरीज थे, जो वर्ष 2023 में बढ़कर 3,788 हो गये. गोड्डा में वर्ष 2022 में 896 मरीज थे, जो 2023 में बढ़कर 5,879 हो गये.

ब्रेन मलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज

राज्य में मलेरिया पीड़ितों में सबसे ज्यादा ब्रेन मलेरिया के मरीज होते हैं. वर्ष 2022 में 19,168 मलेरिया पीड़ित में 14,958 ब्रेन मलेरिया की चपेट में आये थे. वर्ष 2023 में 34,087 में 28,990 ब्रेन मलेरिया से पीड़ित थे. वर्ष 2024 में 5,137 मरीजों में 3,976 ब्रेन मलेरिया से पीड़ित हुए हैं.

रांची जिला में मलेरिया मरीजों की संख्या पिछले साल के तीन महीनों की तुलना में बढ़ी है. वर्ष 2023 में जनवरी से मार्च तक 17 लोग मलेरिया की चपेट में आये थे, लेकिन इस साल मार्च तक 28 लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई है. वहीं 2023 में कुल 163 लोग मलेरिया की चपेट में आये थे.

इधर, शहर में मच्छर मारने के लिए रांची नगर निगम अभियान चलाने का दावा करता है. लेकिन कुछ वीआइपी क्षेत्र छोड़कर कहीं फॉगिंग नहीं की जाती है. हालांकि नगर निगम का कहना है कि इस कार्य में आठ वाहनों को लगाया गया है. वहीं, नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर 9431104429 जारी किया है. लोगों से अपील की गयी है कि जिन मोहल्ले में मच्छरों का प्रकोप है, वह हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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