रांची : कोरोना संक्रमित का शव ले जाने के नाम पर निजी एंबुलेंस चालक मनमाना पैसे वसूल रहे थे, जिस पर राज्य सरकार ने अंकुश लगा दिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने एक आदेश जारी करते हुए निजी एंबुलेंस के लिए अधिकतम शुल्क निर्धारित कर दिया है. इस आदेश में कहा गया है कि यदि कोरोना संक्रमित का शव ले जाने के लिए उसके परिजन मोक्ष वाहन का इंतजाम नहीं कर पाते हैं, तो संबंधित अस्पताल वाहन तलाशने में सहायता करेंगे. ऐसे वाहनों के लिए अधिकतम शुल्क निर्धारित किया गया है.
इसके तहत सर्विस चार्ज 500 रुपये, ड्राइवर के पीपीइ सूट की कीमत 700 रुपये, वाहन के सैनिटाइजेशन का शुल्क 200 रुपये और पहले 10 किमी के लिए 500 रुपये फिक्स किया गया है. 10 किमी के बाद नौ रुपये प्रति किमी की दर से शुल्क लिया जायेगा. दूरी अाने और जाने की होगी. जारी आदेश के तहत निजी अस्पतालों में चार दिनों तक नि:शुल्क शव को सुरक्षित रखना होगा. चार दिन के बाद जब तक कि परिजन शव ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं करते हैं, ऐसे में अस्पताल 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क ले सकते हैं.
स्वास्थ्य सचिव का आदेश
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विभिन्न मदों में 1400 रुपये के अलावा शुरुआती 10 किमी के लिए 500 रुपये देने होंगे
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10 किमी के बाद नौ रुपये प्रति किमी की दर से लगेगा शुल्क, दूरी अाने और जाने की होगी
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परिजन शव लेने नहीं आयें, तो 24 घंटे में शव का अंतिम संस्कार करें
सचिव ने आदेश में लिखा है कि यदि सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमित की मौत हो जाती है और परिजन शव का क्लेम नहीं करते हैं, तो 24 घंटे के अंदर अंतिम संस्कार करना है. परिवार के लोग शव लेने के लिए मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट या जिले के सिविल सर्जन से संपर्क कर सकते हैं. सचिव ने लिखा है कि शव को ले जाने के लिए मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पतालों में मोक्ष वाहन व शव वाहन उपलब्ध कराये गये हैं. ये दोनों अधिकारी ही शव ले जाने के लिए मोक्ष वाहन उपलब्ध करायेंगे.
Post By : Pritish Sahay