रांची : झारखंड सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए पांचवां एयरलिफ्ट गुरुवार को किया जायेगा. अंडमान से मजदूरों को चार्टर्ड विमान से लाया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रवासी मजदूरों को लाने के अभियान में अब सरकार के साथ-साथ निजी कंपनियां भी आगे आ रही हैं. श्री सोरेन ने निजी कंपनियों, पूंजीपतियों से मजदूरों को लाने में यथासंभव सहयोग का आह्वान किया था. मुख्यमंत्री के प्रयासों से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली की एक कंपनी दिल्ली इंटरलिंक फूड प्राइवेट लिमिटेड ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में फंसे मजदूरों को झारखंड लाने के लिए हाथ बढ़ाया है.
झारखंड एवं अंडमान-निकोबार की परस्पर सहमति एवं कंपनी के सहयोग से चार जून को विमान द्वारा झारखंड के श्रमिकों को पोर्ट ब्लेयर से रांची बिरसा एयरपोर्ट लाया जायेगा. गौरतलब है कि इसके पूर्व भी पोर्ट ब्लेयर से 180 प्रवासियों को लाया गया था. वहीं पूर्व में मुंबई से दो बार और लेह से एक बार मजदूरों को एयरलिफ्ट करके लाया जा चुका है.
गोवा स्टेडियम में फंसे मजदूरों की वापसी शुरू : राज्य सरकार के प्रयास से गोवा स्टेडियम में फंसे झारखंड मजदूरों की वापसी शुरू हो गयी है. इसके अलावा हैदराबाद में दूसरे ठेकेदार को बेचे गये मजदूरों की समस्या का भी हल निकाल लिया गया है. असम के डिबरूगढ़ में फंसे मजदूरों को भी जिला प्रशासन ने बसों के सहारे स्टेशन पहुंचा दिया है, ताकि उन्हें ट्रेन से झारखंड भेजा जा सके. गोवा स्टेडियम में फंसे मजदूरों में से फिलहाल 1100 मजदूरों को मडगांव स्टेशन से लेकर ट्रेन चल चुकी है.
यह ट्रेन गढ़वा रोड, टोरी, लोहरदगा, धनबाद होते हुए जसीडीह रेलवे स्टेशन पहुंचेगी. असम के मंत्री एस किशन, मंत्री जे मोहन और विधायक डिबरूगढ़ व जिले के उपायुक्त के सहयोग ने इन मजदूरों को बस के सहारे लुमडिंग स्टेशन पहुंचा दिया गया है. यहां से झारखंड के मजदूर दो जून की रात श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हो गये. हैदराबाद में भी जिला प्रशासन के सहयोग से मजदूरों को वापस लाया जा रहा है.