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आयुष्मान योजना की 87 फीसदी राशि निजी अस्पतालों ने ली, मात्र 12.81 प्रतिशत सरकारी अस्पतालों ने किया क्लेम

आयुष्मान योजना की 87 फीसदी राशि निजी अस्पतालों ने ली

jharkhand news, ranchi news, Ayushman Yojana in jharkhand रांची ; आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भले ही सरकारी योजना है, लेकिन इसका लाभ निजी अस्पतालों को ज्यादा मिल रहा है. झारखंड में पिछले तीन वर्षों में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों ने सर्वाधिक 87.19 प्रतिशत का क्लेम लिया, जबकि सरकारी अस्पतालों ने केवल 12.81 प्रतिशत का क्लेम लिया. झारखंड में पिछले तीन वर्षों में कुल छह लाख 52 हजार 660 लोगों का इलाज इस योजना के तहत किया गया.

इसमें पांच लाख 69 हजार 25 मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में हुआ और 83825 मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में हुआ है. इलाज के एवज में 610 करोड़ रुपये का क्लेम लिया गया है. इसमें 551.38 करोड़ केवल निजी अस्पतालों को भुगतान किया गया है, जबकि सरकारी अस्पतालों को केवल 58.62 करोड़ रुपये का ही क्लेम मिला है.

759 अस्पताल योजना के तहत सूचीबद्ध

आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 759 अस्पताल सूचीबद्ध हैं. इसमें 484 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं. जबकि 220 राज्य सरकार के अस्पताल व 55 केंद्र सरकार के अस्पताल सूचीबद्ध हैं. राज्य सरकार के अस्पतालों में रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद समेत तमाम सदर अस्पताल, सीएचसी आदि सूचीबद्ध हैं. वहीं केंद्र सरकार के अस्पताल में एम्स दिल्ली समेत अन्य सभी प्रमुख अस्पताल भी सूचीबद्ध हैं. योजना के तहत राज्य में कुल 57 लाख 15 हजार 528 परिवार को कवर किया गया है. इसमें पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है.

सरकारी अस्पताल क्लेम करे तो केवल रिम्स ही साल में 50-60 करोड़ क्लेम ले सकता है : कुलकर्णी

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में ज्यादातर गरीब लोग ही इलाज कराने जाते हैं. ऐसे में अगर वह क्लेम करें, तो उन्हें ज्यादा राशि मिल सकती है. समस्या यह है कि सरकारी अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज का क्लेम ही नहीं करते.

रिम्स यदि क्लेम करने लगे, तो साल में 50 से 60 करोड़ केवल रिम्स को ही मिलेगा. सरकारी अस्पतालों में सबसे बेहतर क्लेम रांची सदर अस्पताल का है. रांची सदर अस्पताल क्लेम के मामले में देशभर में दूसरे स्थान पर है. प्रधान सचिव ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों को फिर से निर्देश दिया गया है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कर वे क्लेम सरकार के पास जमा करें ताकि उन्हें राशि मिल सके.

झारखंड में 88.47 लाख लोगों को गोल्डेन कार्ड जारी कर तीसरे स्थान पर, तो क्लेम में पांचवें स्थान पर पहुंचा

झारखंड में अबतक 88.47 लाख लोगों का गोल्डेन कार्ड जारी किया जा चुका है. कार्ड जारी करने के मामले मे झारखंड देशभर में तीसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर मध्य प्रदेश और दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है. वहीं क्लेम के भुगतान के मामले में झारखंड देशभर में पांचवें स्थान पर है. पहले स्थान पर तमिलनाडु, दूसरे पर केरल, तीसरे पर छत्तीसगढ़ और चौथे स्थान पर आंध्र प्रदेश है.

33.63 प्रतिशत का बन चुका गोल्डेन कार्ड :

झारखंड में आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कुल 57 लाख 15 हजार 528 पीडीएस परिवार इसके दायरे में आते हैं. इनमें दो करोड़ 63 लाख छह हजार 595 की आबादी को कवर करना है. इसका 33.63 प्रतिशत यानी 88 लाख 47 हजार 774 का गोल्डेन कार्ड बन चुका है.

सरकारी अस्पताल योजना के तहत करे क्लेम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पिछले दिनों समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया है कि जब सरकारी अस्पताल इलाज करते हैं तो वे क्लेम नहीं करते. उन्होंने कहा है कि सरकारी अस्पताल योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा क्लेम करें. सरकारी अस्पतालों को क्लेम से जो राशि मिलेगी, उससे अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने में सुविधा होगी. अस्पताल भी धीरे-धीरे आत्मनिर्भर होते जायेंगे.

posted by : sameer oraon

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