Jharkhand News, लोहरदगा न्यूज (गोपीकृष्ण): लोहरदगा से पूर्व सांसद रहे प्रोफेसर दुखा भगत का आज निधन हो गया. रांची के रिम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोक संतप्त परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति दें.
लोहरदगा के पूर्व सांसद रहे दुखा भगत का जन्म लोहरदगा जिले के इरगांव में 1953 में हुआ था. वे झारखंड आंदोलन से भी जुड़े रहे और अहम भूमिका निभाई थी. इन्होंने वर्तमान में झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को लोकसभा चुनाव में हराया था और 1999 से 2004 तक सांसद रहे थे. रांची यूनिवर्सिटी में भी इन्होंने अध्यापन कार्य किया था. प्रो दुखा भगत के निधन पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. ट्वीट के जरिए झारखंड के कई नेताओं ने निधन पर शोक जताया. ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा की शांति मिले और इस विपदा में परिवार को दुख सहने की शक्ति दें.
लोहरदगा के पूर्व सांसद प्रो दुखा भगत के रांची में निधन की सूचना मिलते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. लोहरदगा जिले के ईरगांव गांव के साधारण किसान परिवार में 1953 में जन्मे प्रोफेसर दुखा भगत ने लोहरदगा नगर के चुन्नीलाल हाईस्कूल से मैट्रिक पास किया था. गोस्सनर कॉलेज रांची में कुड़ख के प्रोफेसर बने. अविभाजित बिहार में झारखंड क्षेत्र में भाजपा के वनांचल के प्रदेश अध्यक्ष बने. 1999 के लोकसभा चुनाव में वनांचल क्षेत्र से 14 में 12 सीट भाजपा की झोली में इनके नेतृत्व में पार्टी को मिला. 1999 से 2004 तक लोहरदगा लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रोफेसर भगत ने सर्वप्रथम अपने सांसद निधि से भस्को स्थित पुल का निर्माण करवाया क्योंकि इस पुल के निर्माण नहीं होने से रामपुर इरगांव भस्को आदि एक बड़ी आबादी को लोहरदगा आने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. विशेषकर बारिश के मौसम में तो कितने रोगी मौत के मुंह में चले जाते थे.
मृदुभाषी तथा मजाकिया स्वभाव के प्रोफेसर भगत पिछले वर्ष महाविद्यालय से रिटायर्ड भी हुए. सदैव कुडूख, सादरी तथा नागपुरिया में ही ज्यादा संवाद करते थे. प्रोफेसर भगत सरल, सहज थे. प्रोफेसर दुखा भगत अपने पैतृक गांव इरगांव में बहुत कम रहा करते थे. वे रांची के अशोक नगर स्थित अपने घर में ही ज्यादा रहते थे. लोहरदगा आने के बाद वे सभी से मिलते थे. वे एक खुशदिल इंसान थे. वे अपने पीछे पत्नी, एक पुत्री एवं तीन पुत्र छोड़ गए. उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक व्याप्त है. प्रो दुखा भगत एक कुशल राजनितिज्ञ थे. उनके चुनाव प्रचार में कई दिग्गज नेता लोहरदगा आए थे. इनमें तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे, विनोद खन्ना सहित अन्य बड़े-बड़े नेता लोहरदगा आए थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra