प्रो सरस्वती भारतीय संस्कृति, धर्म और आदिवासी अध्ययन के प्रणेता: कुलपति

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को प्रो बीएन सरस्वती मेमोरियल लेक्चर के तहत संताल समाज में अध्यात्मवाद विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2024 8:48 PM

रांची. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को प्रो बीएन सरस्वती मेमोरियल लेक्चर के तहत संताल समाज में अध्यात्मवाद विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध मानवशास्त्री और विद्या भवन, विश्वभारती विवि शांति निकेतन के पूर्व प्राचार्य डॉ ओंकार प्रसाद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने बताया कि प्रो बीएन सरस्वती एक दशक तक भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण कोलकता से जुड़े रहे. इस लंबी अवधि में उन्होंने ग्रामीण भारत में स्थानीय स्तर पर व्यापक कार्य किया. उन्होंने विद्यार्थियों को प्रो सरस्वती द्वारा लिखित पुस्तकें पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि प्रो सरस्वती भारतीय संस्कृति, धर्म और आदिवासी अध्ययन के प्रणेता थे. मुख्य वक्ता डॉ ओंकार प्रसाद ने प्रो बीएन सरस्वती के जीवनवृत्त पर विस्तार से चर्चा करने के बाद संबंधित विषय पर बात की. उन्होंने संताल धर्म की परंपरा, त्यौहार, गीत और नृत्य के बारे में बताया. इसके साथ ही संताली देवता बोंगा को एक संरक्षक और प्रकृति का आतंरिक हिस्सा बताया. इस अवसर पर झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ टीएन साहू, डीएसडब्लयू डॉ एसएम अब्बास, कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, टीआरएल विभाग के समन्वयक डॉ बिनोद कुमार, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ सपम रणवीर सिंह, संत जेवियर कॉलेज के डॉ कमल कुमार बोस सहित अन्य मौजूद थे.

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