रांची. डीएसपीएमयू संस्कृत विभाग और संस्कृत भारती के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृत सप्ताह के पांचवें दिन मंगलवार को सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसमें एकल गीत, सामूहिक गीत तथा एकल नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया था. मौके पर विद्यार्थियों ने प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए संस्कृत भाषा के महत्व और इसकी समृद्ध धरोहर को उजागर किया. एकल गीत प्रतियोगिता के अंतर्गत रत्नगर्भा धरा गीत से धरती की महिमा का गुणगान किया गया. इस अवसर पर रांची विवि मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो अर्चना दुबे ने कहा कि नृत्य, गीत और अन्य कला रूपों के माध्यम से संस्कृत भाषा को जीवंत बनाये रखना हमारी जिम्मेदारी है.
नृत्य अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम
मौके पर योग निदेशक डॉ मधुलिका वर्मा ने नृत्य प्रदर्शन के दौरान सावधानी पर जोर देते हुए कहा कि नृत्य केवल कला नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है. विवि के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी ने कहा कि प्रतियोगिताओं में भाग लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल प्रतिभा को मंच प्रदान करता है, बल्कि उसमें निखार भी लाता है. कार्यक्रम को श्री प्रकाश सिंह, डॉ चंद्रमाधव सिंह और डॉ भारती द्विवेदी ने भी संबोधित किया. संयोजन डॉ जगदंबा प्रसाद ने किया. इस अवसर पर डॉ श्रीमित्रा, डॉ राहुल कुमार, शुभम केसरी, आशीष कुमार, माधुरी सिंह, शिवम नारायण, प्रतिमा चौहान, अमित मोहन और पंकज कुमार आदि उपस्थित थे.
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