धरती को समझने के लिए जानें आदिवासी जीवनशैली

संत जेवियर्स कॉलेज के भूगोल विभाग के जियो क्लब और आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में पृथ्वी दिवस पर कार्यक्रम किया गया. इसका आयोजन कॉलेज सभागार में वन अर्थ, नो प्लान बी विषय के तहत हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2024 12:25 AM

रांची. संत जेवियर्स कॉलेज के भूगोल विभाग के जियो क्लब और आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में पृथ्वी दिवस पर कार्यक्रम किया गया. इसका आयोजन कॉलेज सभागार में वन अर्थ, नो प्लान बी विषय के तहत हुआ. उदघाटन प्राचार्य डॉ फादर नाबोर लकड़ा और आमंत्रित अतिथियों ने किया. भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ राजीव रंजन श्रीवास्तव ने ऊर्जा का संरक्षण करने और नवीकरणीय संसाधनों की ओर बढ़ते बदलाव का सुझाव दिया. इसके बाद कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा बनायी हुई प्रस्तुति दिखायी गयी. मुख्य अतिथि पर्यावरण संरक्षक दयामनी बारला ने कहा कि हमारे युवा एवं सभी व्यक्ति हमारी पृथ्वी की पर्यावरण व्यवस्था के स्तंभ हैं. उन्होंने कहा कि अगर धरती को समझना है, तो आदिवासी जीवनशैली को समझना होगा. वहीं आइएफएस स्मिता पंकज ने माइक्रो प्लास्टिक से होनेवाले नुकसान के बारे में बताया. प्राचार्य डॉ फादर नाबोर लकड़ा ने कहा कि संत जेवियर्स कॉलेज रांची के उन जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों के पोषण के लिए प्रतिबद्ध है, जो पर्यावरण प्रबंधन के महत्व को समझते हैं. इस दौरान प्रश्नोत्तरी व फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी हुई. कॉलेज के एनसीसी गुप ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया. इस अवसर पर डॉ शिव कुमार और प्रो बीके सिन्हा सहित अन्य मौजूद थे.

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