झारखंड : प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षकों का पद समाप्त करने का विरोध, शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक का पद भी समाप्त कर दिया गया है. इन पदों को समाप्त कर राज्य में सहायक आचार्य का पद सृजित किया गया है.
रांची : राज्य के प्राथमिक विद्यालयों से उर्दू शिक्षकों का पद समाप्त किये जाने का शिक्षक संघ ने विरोध किया है. प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा पिछले दिनों शिक्षकों की प्रोन्नति को लेकर जारी पत्र में इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक शिक्षक अथवा इंटरमीडिएट उर्दू प्रशिक्षित शिक्षक के शत-प्रतिश्त पद एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक सवंर्ग के 50 फीसदी सीधी नियुक्ति से भरे जाने वाले पद को मरणाशील संवर्ग (समाप्त) बताया गया है. झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने कहा है कि एकीकृत बिहार के समय उर्दू शिक्षकों के पद सृजित हुए थे. राज्य गठन के बाद झारखंड में शिक्षकों के 4401 पद थे. इनमें से मात्र 689 पद पर ही शिक्षक की नियुक्ति हुई. शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के बदले पद ही समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सरकार द्वारा इन पदों को योजना मद से गैर योजना मद में स्थानांतरित किया गया है. इसके बाद अब पद को समाप्त किया गया है. संघ के प्रदेश प्रवक्ता शहजाद अनवर ने कहा है कि अगर विभाग ने उर्दू शिक्षकों का पद समाप्त करने का निर्णय वापस नहीं लिया, तो संघ राज्यव्यापी आंदोलन करेगा.
सहायक आचार्य का पद किया गया है सृजित
इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक का पद भी समाप्त कर दिया गया है. इन पदों को समाप्त कर राज्य में सहायक आचार्य का पद सृजित किया गया है. सहायक आचार्य के 50 हजार पद में से 26 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद फिर 24 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. संघ का कहना है कि उर्दू शिक्षकों को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
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