रांची : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चालबाजी करने वाले चीन के खिलाफ झारखंड में बुधवार (17 जून, 2020) को प्रदर्शन किया गया. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतला जलाया गया. राजधानी रांची के कांटाटोली चौक पर चीन के राष्ट्रपति का पुतला दहन करने वालों ने सरकार से मांग की कि चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाये.
झारखंड प्रदेश जमीयतुल कुरैश के अध्यक्ष मुजीब कुरैशी ने कहा कि भारतीय सैनिकों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए. सरकार को चाहिए कि वह ‘ड्रैगन’ को करारा जवाब दे. अपने जवानों की शहादत का बदला ले. उन्होंने कहा कि चालबाज चीन ने जिस तरह से भारत पर धोखे से हमला किया है, उसका हिसाब लिया जाना चाहिए.
कहा कि आवश्यकता होगी, तो देश के लिए हम नौजवान अपने खून का एक-एक कतरा देने के लिए तैयार हैं. लॉकडाउन के दौरान हुए इस विरोध प्रदर्शन में सीमित संख्या में लोग इकट्ठा हुए. सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी भावनाओं का इजहार किया. लोगों ने हाथों में तख्ती ले रखी थी, जिस पर ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’, ‘चीन सरकार मुर्दाबाद’, ‘वीर शहीद अमर रहें’, ‘हिंदुस्तान हमारी जान है, बच्चा-बच्चा कुर्बान है’, ‘जिनपिंग मुर्दाबाद’ लिखे थे.
विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने एक स्वर में नारे लगाये. इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चीन की सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए परमवीर अब्दुल हमीद चौक पर मोमबत्ती जलायी.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष मुजीब कुरैशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी गुलाम जावेद, राजू खान, यूथ प्रदेश अध्यक्ष फराद कुरैशी, सद्दाम कुरैशी, अाफताब आलम, कामिल कुरैशी, आमिर कुरैशी, आसिफ कुरैशी, कामरान कुरैशी, मोहम्मद मोइन शेख, फिरोज खान सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि गलवान घाटी में झारखंड के दो जवान भी शहीद हुए हैं. साहिबगंज के लाल कुंदन ओझा और बहरागोड़ा के गणेश हांसदा शामिल हैं. भारत-चीन बॉर्डर पर 15-16 जून, 2020 की रात को चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें झारखंड के दो जवानों समेत भारत के कम से कम 20 जवान शहीद हो गये.
Posted By : Mithilesh Jha