Ranchi : राजभवन के सामने ‘NPR हटाओ’ धरना, कन्नन गोपीनाथन और आमिर अजीज ने किया संबोधित
Protest against NPR at Governor House of Jharkhand. झारखंड (Jharkhand) सरकार ने अभी तक NPR, NRC व CAA के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए झारखंड में भी लोग सुरक्षित नहीं हैं. कभी भी वे इस साजिश का शिकार बन सकते हैं.
रांची : झारखंड समेत पूरे देश में एक अप्रैल, 2020 से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के लिए सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है. झारखंड जनाधिकार महासभा के नेतृत्व में कई संगठनों ने इसके खिलाफ राजधानी रांची में गुरुवार (5 मार्च, 2020) को प्रदर्शन किया. इन्होंने एनपीआर (NPR) को खत्म करने की मांग पर राजभवन के सामने धरना दिया.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी कन्नन गोपीनाथन और जाने-माने कवि आमिर अजीज भी इस धरना में शामिल हुए. इन लोगों ने कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से झारखंड राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए सर्वेक्षण शुरू करने की तैयारी कर ली है. NPR का मुख्य उद्देश्य नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के लिए तैयारी करना है.
संगठनों ने कहा कि NRC एक व्यर्थ योजना है, जिससे झारखंड के गरीबों, खासकर आदिवासी, दलित, मुसलमान व महिलाओं की जिंदगी तहस-नहस हो जायेगी. इनका कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की मदद से NRC के जरिये मुसलमानों को आसानी से दूसरी श्रेणी का नागरिक बना दिया जायेगा.
सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर सर्वेक्षण को मुसलमान, गरीब, दलित और आदिवासियों से नागरिकता छीनने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है. झारखंड सरकार ने अभी तक NPR, NRC व CAA के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए झारखंड में भी लोग सुरक्षित नहीं हैं. कभी भी वे इस साजिश का शिकार बन सकते हैं.
झारखंड के कोने-कोने से हजारों लोग रांची पहुंचे हैं. इन लोगों ने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार तुरंत NPR से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाये और NRC व CAA को स्वीकार न करे. पूर्व-आइएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन और कवि आमिर अजीज भी धरना में शामिल हुए. ‘NPR हटाओ’ का आयोजन झारखंड जनाधिकार महासभा ने अन्य जन-संगठनों के साथ मिलकर किया था.