Ranchi News : मौसम केंद्र के प्रति बढ़ा है जनमानस का विश्वास : राज्यपाल
राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी सटीक भविष्यवाणी और तकनीकी क्षमताओं से न केवल आपदाओं के प्रभाव को कम किया है, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
रांची (वरीय संवाददाता). राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी सटीक भविष्यवाणी और तकनीकी क्षमताओं से न केवल आपदाओं के प्रभाव को कम किया है, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के प्रयासों ने राज्य में होने वाली गंभीर प्राकृतिक आपदाओं वज्रपात, बाढ़, भारी वर्षा और शीतलहर के प्रभावों को कम करने में अहम भूमिका निभायी है. मौसम विज्ञान केंद्र के प्रति जनमानस का विश्वास बढ़ा है, क्योंकि यह पंचायत स्तर तक सटीक मौसम पूर्वानुमान और जानकारी उपलब्ध करा रहा है. इसने आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ किया है. राज्यपाल सोमवार को राजधानी के स्मार्ट स्थित सभागार में मौसम केंद्र के 150 पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. श्री गंगवार ने कहा कि राज्य में समय पर मौसम की चेतावनियां दी जाती है, जिससे स्थानीय समुदायों और आपदा प्रबंधन दलों को प्रभावी सहायता मिल रही है.विकसित भारत बनाने में मौसम केंद्र का होगा महत्वपूर्ण रोल
स्वास्थ्य विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि मौसम केंद्र का 150 साल की यात्रा बहुत लंबी है. पहले मौसम केवल समुद्री जहाजों के परिचालन के लिए उपयोग होता था. आज यह हर दिन की रुटीन में यह शामिल हो गया है. किसान भी मौसम के आधार पर खेती की तैयारी करते हैं. अब इस सेक्टर में भी आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस का प्रयोग कर रहे हैं. इससे आपदा से होने वाले नुकसान घट रहे हैं. देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाने में मौसम केंद्र का महत्वपूर्ण रोल होगा.रांची में एक डॉप्लर राडार की सुविधा दे केंद्र
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि झारखंड में बहुत कम प्राकृतिक आपदा ही नुकसान करने वाले होते हैं. वज्रपात एक समस्या है. इससे हर साल 300 से 350 लोगों की जान जाती है. इसको बचाया जा सकता है. कोल्हान वाले इलाके में साइक्लोन से कुछ नुकसान होता है. अभी भी झारखंड को पटना के डॉप्लर राडार से पूर्वानुमान मिलता है. केंद्र को रांची के लिए भी एक डॉप्लर राडार देना चाहिए. इससे यहां के लोगों को और सटीक मौसम पूर्वानुमान मिल सकेगा.सटीक पूर्वानुमान से लाखों की जान बची
मौसम केंद्र के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि पिछले 10 साल में सटीक पूर्वानुमान के कारण लाखों लोगों की जान बची है. 2015 में हीट वेव से दो हजार लोगों की जान गयी थी. अब 20 से 30 लोगों की मौत हो रही है. ओडिशा में आये साइक्लोन से 10 हजार लोगों की जान गयी थी. अब साइक्लोन से जान नहीं जाती है. करीब 95 फीसदी लोग आज मौसम पूर्वानुमान पर विश्वास कर रहे हैं. मौसम पूर्वानुमान को और सटीक करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. झारखंड में कई तरह की प्राकृतिक आपदा है. इसको कम करने के लिए कई तरह के प्रयास हो रहे हैं. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत रांची केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने किया. धन्यवाद ज्ञापन वरीय वैज्ञानिक बाबूराज पीपी ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है