शहरवासियों को सेहतमंद बनाने के लिए रांची शहर में शुरू किये गये पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम का बुरा हाल है. वर्ष 2019 में बड़े ही तामझाम के साथ इस सेवा की शुरुआत शहर में की गयी थी. लेकिन इसके बाद प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण आमलोगों की पहुंच से यह सेवा दूर होती चली गयी. ताजा हालत यह है कि पूरे शहर में प्राइम लोकेशन पर 60 स्टैंड तो बना दिये गये, पर साइकिलों की संख्या अब भी मात्र 600 ही रखी गयी है. नतीजतन जब लोग साइकिल लेना चाहते हैं, तो स्टैंडों पर साइकिल ही नहीं मिलती है. इससे इस सेवा से लोगों का मोहभंग होने लगा है.
स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के सहयोग से रांची शहर में इस सेवा की शुरुआत चार्टर्ड बाइक कंपनी द्वारा की गयी थी. इसके लिए जर्मनी से साइकिल मंगायी गयी थी. जब सेवा की शुरुआत हुई, तो शहर के सभी साइकिल स्टैंडों पर पर्याप्त संख्या में साइकिल मिलती थी. लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया, साइकिलों की संख्या भी कम होती चली गयी. अब तो हालत यह है कि किसी-किसी स्टैंड में एक भी साइकिल नहीं रहती है. इस कारण इस सेवा का लाभ उठाने के लिए जो लोग साइकिल स्टैंड पहुंचते हैं, उन्हें निराशा हाथ लगती है.
यह सेवा पूरी तरह से तकनीक पर आधारित है. इसलिए इस सेवा का लाभ लेने के लिए आपको सबसे पहले चार्टर्ड बाइक ऐप डाउनलोड करना होगा. फिर इसमें नाम, फोन नंबर, आधार नंबर देकर 50 रुपये सिक्योरिटी डिपोजिट करना होगा. इसके बाद आपको सब्सक्रिप्शन लेना होगा. इसके तहत एक दिन के लिए 30 रुपये, एक माह के लिए 200 रुपये व एक साल के लिए 1000 रुपये शुल्क रखा गया है.
सब्सक्रिप्शन लेने के बाद जब आप स्टैंड से साइकिल लेकर निकलेंगे, तो आधे घंटे की राइड आपको फ्री मिलेगी. समय पूरा होने के बाद आप साइकिल को स्टैंड में खड़ा नहीं करते हैं, तो आधे घंटे से एक घंटे के लिए पांच रुपये, एक से दो घंटे के लिए 10 रुपये, दो से तीन घंटे के लिए 15 रुपये पैसे चुकाने होंगे. अगर साइकिल 24 घंटे तक रखा है, तो 5000 रुपये जुर्माना लगेगा.