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रिम्स से फिर जेल शिफ्ट होंगे लालू प्रसाद यादव! झारखंड हाइकोर्ट में राजद सुप्रीमो के खिलाफ दाखिल हुई जनहित याचिका

Jharkhand News, Ranchi News, Lalu Prasad Yadav, Rashtriya Janata Dal, Fodder Scam, Jharkhand High Court, RIMS Directors Bunglow, RIMS Paying Ward: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार (31 अगस्त, 2020) को एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और उन्हें तुरंत जेल शिफ्ट किया जाना चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगला में रखना गलत है.

रांची (राणा प्रताप) : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार (31 अगस्त, 2020) को एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और उन्हें तुरंत जेल शिफ्ट किया जाना चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगला में रखना गलत है.

याचिकाकर्ता मनीष कुमार के वकील मनोज टंडन ने अपनी याचिका में कहा है कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के कई मामलों में सजा हो चुकी है. उन्हें स्वास्थ्य कारणों से जेल से सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में शिफ्ट किया गया था. लेकिन, हाल के दिनों में वह जेल मैनुअल के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्हें कॉटेज में रखा जा सकता है, निदेशक के बंगले में किसी कैदी को नहीं रखा जा सकता.

याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका के जरिये कोर्ट को बताया है कि लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल के नेता के नाते हर दिन सैकड़ों लोगों से मिल रहे हैं. यह कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. याचिका में पूर्व अपर महाधिवक्ता और झारखंड हाइकोर्ट के वकील मनोज टंडन ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के निदेशक, झारखंड के गृह सचिव के अलावा केंद्रीय गृह सचिव को प्रतिवादी बनाया है.

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90 के दशक में जब चारा घोटाला के मामले में लालू प्रसाद को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, तो उन्हें बीएमपी गेस्ट हाउस में रखा गया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्काल आदेश (SLP CRL 2296/1998 Order Dated 27.11.1998) पारित किया और लालू प्रसाद यादव को बेऊर जेल शिफ्ट करने के लिए कहा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लालू प्रसाद यादव को बेऊर जेल भेज दिया गया था. मनीष कुमार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला अपनी याचिका में दिया है. कोर्ट को बताया गया है कि लालू प्रसाद यादव को स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती कराया गया था.

कोरोना महामारी का खतरा बढ़ने लगा, तो उन्हें रिम्स के डायरेक्टर के बंगला ‘केली बंगला’ में शिफ्ट कर दिया गया. लालू प्रसाद को बंगला में शिफ्ट किये जाने के बाद से मीडिया में आये दिन खबरें आती रहती हैं कि लालू यादव ने पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की. यह जेल मैनुअल का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है. कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

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Posted By : Mithilesh Jha

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