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रांची के पुलकित जैन ईंधन वाले ऑटो को कम खर्च में बदल रहे इलेक्ट्रिकल व्हीकल में

सीआइटी टाटीसिलवे के सत्र 2015-19 में बीटेक के छात्र रहे पुलकित, गौरव कुमार सिंह, सूर्य प्रताप सिंह और विश्वजीत कुमार की टीम ने वर्ष 2019 में 'रेट्रोफिट' तैयार किया था. इस तकनीक के जरिये पेट्रोल, डीजल और सीएनजी इंजन वाली गाड़ियों को मात्र 60 हजार रुपये की लागत में ईवी में बदला जा सकता है.

रांची, अभिषेक रॉय : मौजूदा वक्त में ग्लोबल वार्मिंग बड़ी चुनौती है. ऐसे में लोग ‘ग्रीन एनर्जी’ को बढ़ावा देते हुए पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के बजाय इलेक्ट्रिकल व्हीकल (ई-व्हीकल या ईवी) का रुख कर रहे हैं. चूंकि ईवी चलना किफायती होता है, इसलिए ऑटो चालक भी ईवी ऑटो लेना चाहते हैं, पर नया ईवी काफी महंगा पड़ता है.

पुलकित जैन ने शुरू किया अपना स्टार्टअप

इसी समस्या को हल करने के लिए राजधानी के अपर बाजार निवासी पुलकित जैन ने अपना स्टार्टअप ‘इलेक्ट्रोमोशन इ-विद्युत व्हीकल’ शुरू किया. इसके तहत उन्होंने डीजल / पेट्रोल / सीएनजी से चलनेवाले पारंपरिक ऑटो को ही ईवी में बदलने की तकनीक ‘रेट्रोफिट’ ईजाद की है.

  • महंगा पड़ता है नया ईवी ऑटो खरीदना, चालकों की इसी समस्या का किया समाधान

  • रेट्रोफिट लगाने का खर्च मात्र 60 हजार रुपये, इतने में पुराना ऑटो ही ईवी बन जायेगा

सीआइटी टाटीसिलवे के छात्र रहे हैं पुलकित

सीआइटी टाटीसिलवे के सत्र 2015-19 में बीटेक के छात्र रहे पुलकित, गौरव कुमार सिंह, सूर्य प्रताप सिंह और विश्वजीत कुमार की टीम ने वर्ष 2019 में ‘रेट्रोफिट’ तैयार किया था. इस तकनीक के जरिये पेट्रोल, डीजल और सीएनजी इंजन वाली गाड़ियों को मात्र 60 हजार रुपये की लागत में ईवी में बदला जा सकता है. पुलकित की टीम के स्टार्टअप आइडिया को रायपुर के ‘अटल इनोवेशन सेंटर एआइसी @ 36आइएनसी’ इंक्यूबेशन मिला, जिससे प्रोटोटाइप की प्रक्रिया भी पूरी की गयी है.

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एमएचआरडी इनोवेशन सेल का भी मिला सहयोग

साथ ही ‘एमएचआरडी इनोवेशन सेल’ का सहयोग भी मिल रहा है. आज यह स्टार्टअप झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में काम कर रही हैं. बिजनेस-टू- बिजनेस (बी-टू-बी) मॉडल से शुरू हुई यह कंपनी ने 31 जुलाई 2023 से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के साथ बिजनेस-टू- कस्टमर (बी- टू-सी) मॉडल पर काम शुरू कर दिया है.

10 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन के साथ मल्टी मिलियन बिजनेस

पुलकित ने बताया कि इनोवेटिव आइडिया से शुरू हुई कंपनी प्रत्येक वर्ष में 10 फीसदी के प्रॉफिट मार्जिन के साथ मल्टी मिलियन बिजनेस कर रही है. दो मशीनों को एक में बदला पुलकित की टीम इनोवेशन पर विश्वास करती है. बताया कि में बीटेक करते हुए वर्ष 2018 में उन्होंने स्टार्टअप कंपनी ‘ऑटोमेटॉन रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन प्रालि’ की नींव रखी.

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ऐसे आया हाइब्रिड मशीन का आइडिया

यह कंपनी हाइब्रिड मशीनें तैयार कर रही है. जहां थ्री-डी प्रिंटिंग मशीन और सीएनसी मशीन को एक मशीन का रूप दिया गया है. हाइब्रिड मशीन का आइडिया कॉलेज के रिसर्च प्रोजेक्ट के दौरान आया था. इसमें सीआइटी टाटीसिलवे के इसी विभाग के प्रो कैलाशपति दत्ता ने सहयोग किया था. साथ ही प्रोजेक्ट को पूरा करने में सरकारी फंड दिलाने में भी मदद की थी.

4.5 लाख की लागत को घटाना था उद्देश्य

रिसर्च का उद्देश्य दो अलग मशीनों की लागत, जो करीब 4.5 लाख रुपये थी, को घटाना था. इसमें सफलता मिली और हाइब्रिड कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीन तैयार हुई, जिसकी लागत मात्र दो लाख रुपये है. साथ ही कंपनी अब मशीन डेवलपमेंट और दूसरों के रिसर्च को प्रोटोटाइप सर्विस भी उपलब्ध करा रही है.

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