रांची. झारखंड के किसानों की स्थिति रबी के मौसम में भी ठीक नहीं है. खरीफ में सूखा झेलनेवाले किसानों को रबी में भी अच्छी फसल की उम्मीद नहीं है. अब तक किसान तय लक्ष्य का मात्र 20 फीसदी खेतों पर ही फसल लगा सके हैं. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने चालू खरीफ मौसम में 101 हजार हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य रखा था. लेकिन, अब तक मात्र 20 हजार हेक्टेयर पर ही फसल लग सकी.
सबसे खराब स्थिति मध्य और पूर्वी झारखंड में
रबी में खेती की सबसे खराब स्थिति मध्य-पूर्व झारखंड में है. झारखंड के हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, रामगढ़ जिले में स्थिति सबसे खराब है. इन जिलों में 22 हजार हेक्टेयर में रबी फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें अब तक मात्र 1.93 हजार हेक्टेयर में ही फसल लग सकी है. इन जिलों में चतरा छोड़ सभी जिलों की स्थिति सबसे खराब है. संताल परगना वाले इलाके में विभाग ने 21 हजार हेक्टेयर में रबी फसल लगाने का लक्ष्य रखा था. इसमें मात्र 4.77 हजार हेक्टेयर में ही रबी फसल लग सकी है. पलामू, कोल्हान और दक्षिणी छोटानागपुर के कुछ जिलों में सबसे अच्छी है. रांची, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी, पलामू, गढ़वा, लातेहार, पूर्वी व प सिंहभूम, सरायकेला में 57 हजार हेक्टेयर में रबी फसल लगाने का लक्ष्य रखा था. इसमें 13 हजार हेक्टेयर में फसल लग पायी है. यह तय लक्ष्य का करीब 24 फीसदी के आसपास है.
बीते साल से अच्छी स्थिति
बीते रबी में भी किसानों की स्थिति बहुत खराब थी. अप्रैल के मध्य तक तय लक्ष्य का मात्र 10 फीसदी के आसपास ही फसल लग पायी थी. इस बार करीब 20 फीसदी के आसपास फसल चल सकी है. इसमें गरमा धान, मूंग और मक्का की स्थिति बीते साल (2023) से अच्छी है.