झारखंड में रेबीज का उन्मूलन है एक बड़ी समस्या: कुलपति डॉ. ओएन सिंह

झारखंड राज्य में रेबीज बीमारी का उन्मूलन एक बड़ी समस्या है. गोवा ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जो 2019 से अबतक रेबीज फ्री बनने की दिशा में है. वेटनरी डीन डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि हाल में कुत्तों में फाइटिंग, काटने और खरोंचने की घटना बढ़ी है. जो मनुष्यों के जीवन सुरक्षा के लिए बेहद चिंताजनक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2022 10:42 AM

Ranchi News: रांची वेटनरी कॉलेज में बुधवार को विश्व रेबीज दिवस मनाया गया. कुलपति डॉ. ओएन सिंह ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में रेबीज बीमारी का उन्मूलन एक बड़ी समस्या है. गोवा ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जो 2019 से अबतक रेबीज फ्री बनने की दिशा में है. वेटनरी डीन डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि हाल में कुत्तों में फाइटिंग, काटने और खरोंचने की घटना बढ़ी है. जो मनुष्यों के जीवन सुरक्षा के लिए बेहद चिंताजनक है.

2030 तक झारखंड को रैबीज फ्री स्टेट बनाना होगा संभव

स्ट्रीट डॉग और पशुओं के नियमित अंतराल में टीकाकरण से ही वर्ष 2030 तक झारखंड को रैबीज फ्री स्टेट बनाना संभव होगा. डॉ अभिषेक कुमार ने कहा कि कोरोना की तरह पशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. पीजी डीन डॉ एमके गुप्ता ने कहा कि राज्य में रैबीज उन्मूलन लेबोरेटरी की कमी है. डॉ लवलीन और डॉ स्मृति ने रैबीज बीमारी की विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान कुलपति ने अोरल प्रतियोगिता में विंकल को प्रथम तथा श्रद्धा को द्वितीय, बेस्ट पोस्टर के लिए अंजेल केरकेट्टा को प्रथम तथा निहाल श्रीवास्तव को द्वितीय पुरस्कार मिला. इस अवसर पर 50 से अधिक पालतू कुत्तों का टीकाकरण किया गया.

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कुत्ता के काटने पर टीका लें : डॉ प्रदीप

विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day) पर बुधवार को नामकुम स्थित आइपीएच सभागार में कार्यशाला हुई. राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि कुत्ता के काटने पर सबसे पहले उक्त जगह की सफाई करें और रेबीज का संपूर्ण टीका लें. डॉ प्रदीप ने कहा कि इस वर्ष का थीम ‘वन हेल्थ जीरो डेथ’ रखा गया है. लायसा वायरस से संक्रमित कुत्ते, बिल्ली, बंदर व सियार के काटने से रेबीज फैलता है. डॉ हिमांशु बरवार ने कहा कि आजकल एग्रेसिव जानवरों को पालने का क्रेज बढ़ा है.

टीकाकरण से बहुत हद तक इस बीमारी से बचाव

हालांकि, टीकाकरण करा दिया जाये तो बहुत हद तक इस बीमारी से बचाव हो सकता है. निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ मार्शल आइंद ने कहा कि स्ट्रीट डॉग्स की संख्या घटेगी, तो रेबीज के केस में कमी आयेगी. ग्रामीण भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है. झाड़-फूंक अन्य उपाय जैसे- गोबर, मिर्च और मिट्टी का लेप कतई नहीं लगाना चाहिए. उपनिदेशक डॉ वीके सिंह और रिम्स पीएसएम की डॉ एस नारायण ने रेबीज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. संचालन डॉ प्रवीण कर्ण ने किया.

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